श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शनिवार को कहा कि उत्तर कश्मीर में जल स्तर में हो रही बढ़ोत्तरी चिंता का विषय है। हालांकि, उमर ने उम्मीद जताई कि वहां के हालात घाटी के बाकी हिस्सों की तरह नहीं होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्य कश्मीर में जल स्तर घट रहा है पर वह अब भी खतरे के निशान से उपर है और सरकार इसके खतरे के निशान से नीचे जाने का इंतजार कर रही है ताकि झेलम नदी के किनारे हो रहे कटाव को रोका जा सके।
उमर ने एक इंटरव्यू में कहा, ‘उत्तर कश्मीर के कुछ हिस्सों में जल स्तर बढ़ रहा है। यह चिंता का विषय है। हम उम्मीद करते हैं कि उत्तर कश्मीर बाकी हिस्सों की तरह प्रभावित नहीं होगा।’ उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के पास अब तक उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, जम्मू क्षेत्र में 129 लोगों ने अपनी जान गंवाई है जबकि कश्मीर घाटी में 30-35 लोग मृत पाए गए हैं।
विभिन्न एजेंसियों द्वारा बचाए गए लोगों की संख्या के बारे में उमर ने कहा कि थलसेना और एनडीआरएफ को सही आंकड़ों की जानकारी है पर उन्हें इतना पता है कि थलसेना ने 50,000 जबकि एनडीआरएफ ने 20,000-30,000 लोगों को बचाया है।
उमर ने कहा, ‘मैं उम्मीद और दुआ कर रहा हूं कि जान का नुकसान उतना न हुआ हो जितना हम मानकर चल रहे हैं। क्योंकि हालात के मद्देनजर मृतकों की ज्ञात संख्या कम है। मैं उम्मीद और दुआ कर रहा हूं कि यह उतना बुरा नहीं हो जितना कुछ लोगों को डर है।’ मुख्यमंत्री से जब यह पूछा गया कि क्या सरकार ऐसे हालात में पर्याप्त लोगों को बचा पा रही है, उन्होंने कहा कि हेलीकॉप्टरों की सीमित संख्या के बावजूद वह बेहतर से बेहतर काम कर रहे हैं।
उत्तर कश्मीर में बढ़ता जल स्तर चिंता का विषय : उमर
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