छत्तीसगढ़ में एक बार फिर से अस्पताल प्रशासन का लापहवाही भरा रवैया देखन को मिला है. धमतरी के नगरी सरकारी अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी के कारण एक मरीज की मौत का मामला सामने आया है.
जिले के नक्सल प्रभावित सुदूर वनांचल के रिसगांव के एक युवक को गंभीर हालत में नगरी अस्पताल में भर्ती करवाया गाया. जहां मरीज को प्राथमिक जांच के बाद डाक्टरों ने इंजेक्शन लगाया और ग्लूकोस चढ़ाने का निर्देश देकर डाक्टर अपने घर चले गए.
इसके बाद जब मरीज की तबियत बिगड़ने लगी तो उसे आक्सीजन चढ़ाने की नौबत आ आई. जानकारी के अनुसार जो आक्सीजन सिलेंडर पहले चढ़ाया गया वह खाली था ही और दूसरा सिलेंडर लाया गया लेकिन उसे लगाया नहीं गया.
थोड़ी देर बाद डॉक्टर्स ने मरीज टीकम ध्रुव की जांच की लेकिन तब तक वह दम तोड़ चुका था. परिजनों ने कहा कि अस्पताल प्रशासन की लापरवाही के कारण ध्रुव की मौत हुई है. परिजनों ने बताया कि कोई मरीज कितना भी गंभीर हो लेकिन डॉक्टर उसे अपने कंफर्ट के हिसाब से देखते हैं. उन्होंने बताया कि रात के समय अस्पताल में कोई डॉक्टर नहीं होता.
हालांकि स्वास्थ्य विभाग इन आरोपों का खंडन कर रहा है. विभाग का कहना है कि वह आरोपों की जांच करवाने के बाद ही इस मामले में स्पष्टीकरण देगा. बता दें कि स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही का यह पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी ऑक्सीजन सप्लाई रुकने से अस्पताल में कई बच्चों की मौत का मामला सामने आ चुका है.