मध्य प्रदेश के कांग्रेस विधायक और माधवराव सिंधिया के बेहद करीबी रहे महेंद्र सिंह कालूखेड़ा के निधन के बाद कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया की दो तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है.

माधवराव सिंधिया के निधन के बाद महेंद्र सिंह कालूखेड़ा उनके बेटे ज्योतिरादित्य सिंधिया के भी करीबी रहे. कालूखेड़ा ने अभिभावक की तरह बचपन में ज्योतिरादित्य सिंधिया की केयर की थी. ऐसे में उनकी अर्थी को कंधा देते हुए सिंधिया अपने आंसुओं पर काबू नहीं रख सके और रो पड़े.

सिंधिया के भावुक होने वाली और बचपन में महेंद्र सिंह कालूखेड़ा के गोद में बैठे हुए उनकी तस्वीर सोशल मीडिया पर खूब शेयर हो रही है.

दरअसल, कभी अपनी भावनाओं को इजहार नहीं करने वाले सिंधिया भी सीनियर नेता कालूखेड़ा की पार्थिव देह को देख रो पड़े. ज्योतिरादित्य को कभी गोद में उठाने वाले कालूखेड़ा 30 साल तक माधव राव सिंधिया के सहयोगी रहे थे.

-महेंद्र सिंह कालूखेड़ा का जन्म गुजरात के दाहोद जिले के लीमड़ी में 5 मार्च 1945 को हुआ था.
-वे मध्यप्रदेश के रतलाम जिले की पिपलोदा तहसील के ग्राम कालूखेड़ा के मूल निवासी थे.
-छात्र राजनीति से अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत करने वाले कालूखेड़ा 1972 में पहली बार विधायक बने थे.
-1998 में वे प्रदेश सरकार में कृषि एवं सहकारिता मंत्री भी रहे.
-2013 में वे छठी बार विधायक बने।
-1984 में कालूखेड़ा सांसद भी रहे.

महेंद्र सिंह कालूखेड़ा की अंत्येष्टि बुधवार को उनके गृह ग्राम कालूखेड़ा में राजकीय सम्मान के साथ की गई. मुखाग्नि उनकी पुत्री गरिमा सिंह ने दी. कालूखेड़ा की अंतिम यात्रा उनकी पैतृक गढ़ी से निकली.

अंतिम यात्रा के वाहन पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया सहित कई नेता पार्थिव देह के साथ रहे. सशस्त्र बल ने कालूखेड़ा की पार्थिव देह को सलामी दी और राजकीय सम्मान के साथ उनकी अंत्येष्टि की गई.