अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद द्वारा रविवार को 14 फर्जी बाबाओं की सूची जारी किए जाने के बाद सोमवार को मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर कहा कि 'इस सूची में बाबा रामदेव का नाम न देखकर निराशा हुई.'

दिग्विजय सिंह ने सोमवार को अखाड़ा परिषद की सूची में बाबा रामदेव का नाम न होने पर एक के बाद एक चार ट्वीट किए, साथ में सूची भी संलग्न की है.

उन्होंने लिखा कि 'सम्माननीय अखाड़ा परिषद ने इस सूची में बाबा रामदेव का नाम नहीं रखा. निराशा हुई. पूरे देश को ठग रहा है. नकली को असली बताकर बेच रहा है.'

एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा, "मैं सम्माननीय अखाड़ा परिषद से पूछना चाहता हूं, क्या मनु स्मृति में किसी भगवा वस्त्र पहनने वाले को व्यापार करने की स्वीकृति है?"

साथ ही उन्होंने लिखा है, "मैं सम्माननीय अखाड़ा परिषद से विनम्र अनुरोध करूंगा कि वे इस सूची में बाबा रामदेव का नाम भी जोड़े, अन्यथा यही मानूंगा कि वे भी रामदेव के धन से प्रभावित हो गए."

गौरतलब है कि वरिष्ठ कांग्रेसी नेता दिग्विजय सिंह ने बीते दिनों पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ एक अपमानजनक टिप्पणी वाले फोटो को रिट्वीट कर अपनी खूब फजीहत कराई थी. विवाद पैदा हो जाने के बाद उन्होंने कहा था कि वह इसका समर्थन नहीं करते. दिग्विजय ने कहा, "रिट्वीट का मतलब समर्थन करना नहीं होता. यह ट्विटर का बुनियादी सिद्धांत है."

दिग्विजय ने एक ट्वीट को इस खंडन के साथ साझा किया, "यह मेरा नहीं है, लेकिन मैं अपने आप को इसे साझा करने से रोक नहीं सका. संबंधित व्यक्ति से मैं माफी मांगता हूं, क्योंकि वह 'उल्लू बनाने में विशेषज्ञ' हैं."