अहमदाबाद . 86 वर्षीय जनक पटेल ने पुलिस से गुहार लगाई है कि वह उनके बेटे को ओल्ड ऐज होम भेज दें। यह मामला गुजरात के शाहीबाग है। बुजुर्ग जनक पटेल अचानक सिटी पुलिस कमिश्वर के दफ्तर पहुंचे और उन्होंने अपनी व्यथा बताई। पटेल ने कहा कि उनकी खेड़ा में 10 बीघा जमीन है, जिसकी कीमत करीब एक करोड़ है। यह जमीन साल 2004 से कानूनी पचड़े में फंसी है।

आंखों में आंसू लिए पटेल ने बताया, '1994 में मेरी पत्नी की मौत हो गई और मैं अकेला रह गया। मेरे बेटे (किशोर) का उसकी पत्नी के साथ झगड़ा चल रहा है और उसे पेट की बीमारी है। मैं खुद ओल्ड एज होम में रहता हूं। जब अस्पताल प्रशासन ने मेरे बेटे को करीब 20 दिनों पहले डिस्चार्ज कर दिया तो वह बेसहारा हो गया। अब उसके पास रहने के लिए कोई जगह नहीं है। ऐसे में मैंने सिटी पुलिस कमिश्नर एके सिंह से गुजारिश की है कि वह मेरे बेटे के रहने के लिए जगह का इंतजाम कर दें।'

इंसपेक्टर एमके राणा ने कहा, 'बेटे और बाप की फरियाद ने कमिश्नर को भी भावुक कर दिया। ऐसे में उन्होंने दूसरे ओल्ड एज होम में किशोर पटेल के रहने की व्यवस्था कराई। यह बेहद दुखद है कि 10 बीघा जमीन होने के बावजूद बाप और बेटा अलग-अलग ओल्ड एज होम में रहने को मजबूर हैं। बाप (जनक पटेल) की अपनी परेशानियां हैं, लेकिन बेटे को उसकी पत्नी ने ही छोड़ दिया।' जनक पटेल ने बताया, 'कई साल पहले मैं मिल में नौकरी करता था, जो बाद में छूट गई। इसके बाद मेरी आय की जरिया सिर्फ खेती थी। बेटे के इलाज के लिए मुझे अपना घर बेचना पड़ा और 2004 के बाद तो इनकम का कोई जरिया भी नहीं रहा। मैं अपने पुराने दोस्तों की दया पर निर्भर हूं जो मुझे कभी-कभी कुछ पैसे भेज देते हैं। ऐसे स्थिति में पुलिस कमिश्वर एके सिंह ने मेरी बहुत मदद की।'

वैसे इस बुजुर्ग ने अभी भी हौसला नहीं खोया है। उन्होंने कहा, 'स्थानीय अदालत में जमीन विवाद में फैसला मेरे हक में आया, लेकिन अब यह केस अपील के लिए पेंडिंग है। मैं अपनी जमीन किसी को नहीं दूंगा। जब तक मेरी सांस रहेगी, मैं यह जंग लड़ता रहूंगा।'