नई दिल्ली . ग्रोइन हर्निया की सर्जरी अब पुरानी तकनीक की जगह 5 रुपये की प्लास्टिक सिरिंज से संभव कर दिखाई गई है। गंगाराम हॉस्पिटल केडॉक्टर ने हर्निया की सर्जरी के लिए नई तकनीक ढूंढ निकाली है जिसके तहत 15 हजार के औजार की जगह महज 5 रुपये की प्लास्टिक की सिरिंज सेसर्जरी की गई।

यह तकनीक न केवल सस्ती है बल्कि केवल इसमें 5 एमएम के की-होल से सर्जरी की जाती है। अब तक इस तकनीक की मदद से 100 सर्जरी की जाचुकी है। इस तकनीक के विडियो को इंटरनैशनल जर्नल लेप्रोइंडोस्कोपिक एंड अडवांस्ड सर्जिकल टेक्निक विडियोस्कोपी, न्यू यॉर्क में जगह दी गई है। इसतकनीक को ढूंढने वाले डॉक्टर मनीष कुमार गुप्ता ने इसे 555 मनीष टेक्निक नाम दिया है।

डॉक्टर मनीष ने बताया कि ग्रोइन हर्निया की सर्जरी के लिए पहले ओपन सर्जरी होती थी। बाद में लेप्रोस्कोपी यानी दूरबीन की मदद से सर्जरी की जानेलगी। अब यह सर्जरी एक स्टेप और आगे निकल गई है जिसमें छोटा छेद, कम तकलीफ, जल्दी सुधार के साथ-साथ कम खर्च में संपन्न हो रही है।डॉक्टर ने बताया कि अब इस सर्जरी में इंस्ट्रूमेंट की जगह प्लास्टिक की सिरिंज का इस्तेमाल किया जा रहा है।

डॉक्टर ने बताया कि ग्रोइन हर्निया की सर्जरी के लिए पेट की दीवार की सतह तक जाना होता है। पेट में 3-4 सतहें होती हैं। इस सर्जरी के लिए मसल्सऔर पेरिटोनियम के बीच में जाना होता है। वहां तक जाने के लिए सेपरेटर का इस्तेमाल किया जाता है। डॉक्टर मनीष ने बताया, 'हमने 2 एमएल केप्लास्टिक के सिरिंज से सेपरेट किया और यह काफी सफल है। इसे दुनियाभर के डॉक्टरों ने स्वीकार किया है और वे भी इस तकनीक को अपनाएंगे।'डॉक्टर ने कहा कि हर्निया कई प्रकार के होते हैं, इसमें से 50 पर्सेंट ग्रोइन हर्निया होता है, जो पॉकेट एरिया में बनता है। इसकी सर्जरी के लिए नाभि केनीचे छेदकर सर्जरी की जाती है। इस तकनीक से सर्जरी काफी सरल और आसान हो गई है।

पुरानी तकनीक से इलाज

-12 एमएम का एक छेद होता था और फिर दो 5 एमएम का छेद किया जाता था

-अब तक इस्तेमाल होने वाली तकनीक में जहां पर चीरा लगता है उसके आगे सर्जन को कुछ दिखाई नहीं देता

-इस औजार का दाम 14 से 15 हजार रुपये है। सर्जरी पॉइंट तक पहुंचने में 8 से 10 मिनट लगते हैं

नई तकनीक से इलाज

-इसमें केवल 5 एमएम का एक छेद किया जाता है

-इसमें सर्जन अंदर ट्रैक तक देख सकता है

-सर्जरी प्लास्टिक की 5 रुपये की सिरिंज से की जाती है

 

-सर्जन केवल 2 मिनट में सर्जरी पॉइंट तक पहुंच जाता है