सोमवार सुबह पिथौरागढ़ के पांगती और मालपा में आसमान से बरसी आफ़त ने कई ज़िंदगियां लील लीं लेकिन एक युवक मौत के हाथों से फ़िसल गया. सोमवार सुबह हुई अविश्वसनीय घटना में मलबे के साथ आई आंधी में मालपा का एक युवक उड़ता हुआ काली नदी के पार नेपाल पहुंच गया और उसकी जान बच गई.

रेस्क्यू टीम में शामिल एक अधिकारी के मुताबिक मालपा में होटल चलाने वाले सुनील सिंह रविवार रात अपने घर में सोए हुए थे. घर में उनकी मां भवानी सिंह भी मौजूद थीं. सुबह अचानक सुनील को कुछ तेज आवाज़ आई, जिसे सुनकर वह बाहर निकले. जैसे ही वह बाहर निकले ऐसी तेज आंधी चली कि वह हवा में उड़ने लगे. हवा और मलबे ने सुनील को बॉर्डर पर काली नदी के दूसरी तरफ नेपाल में जाकर पटक दिया.

वहां कुछ घंटे बाद स्थानीय लोगों ने सुनील को उठाया. सोमवार को दोपहर बाद नेपाल के लोगों ने उन्हें बूंदी तक पहुंचाया, जहां से उसे धारचूला लाया गया. मंगलवार की शाम इलाज के लिए सुनील को हेलिकॉप्टर से हल्द्वानी पहुंचाया गया.  इस हादसे में घर के अंदर ही रही सुनील की 65 साल की मां भवानी सिंह की मौत हो गई. सुनील के सिर में काफ़ी चोट आई है और अभी वह बात करने की स्थिति में नहीं हैं.

माना जा रहा है कि मालपा में बादल फटने की घटना से करीब 30 लोगों की जान गई है. हालांकि अभी छह ही लोगों के मरने की पुष्टि हो पाई है. स्थानीय लोगों के मुताबिक या तो लोग मलबे के अंदर दब गए हैं या फिर काली नदी में बह गए हैं. काली नदी का बहाव भी इतना तेज है कि उसमें किसी को ढूंढना लगभग नामुमकिन सा है और अगर सुनील उस नदी में गिरते तो उनकी गिनती भी लापता लोगों में ही होती.