लखनऊ । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत पूरी दुनिया को पर्यावरण संरक्षण की नई राह दिखाने का कार्य कर रहा है। मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेन्द्र यादव के साथ इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय जलवायु सम्मेलन-2023 का उदघाटन के बाद समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि विकास आज की आवश्यकता है, लेकिन पर्यावरण और प्रकृति के प्रति दायित्वों से भी हम मुक्त नहीं हो सकते। गौरतलब है कि राष्ट्रीय जलवायु सम्मेलन-2023 का आयोजन भारत सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय तथा उत्तर प्रदेश सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा सम्मिलित रूप से किया गया है। मुख्यमंत्री ने लोगों से कहा कि मनुष्य ने अपने स्वार्थों की पूर्ति के लिए प्रकृति का अति दोहन करके जिन दुष्परिणामों को आमंत्रित किया है, आज हम सब उसके भुक्तभोगी बन रहे हैं। जलवायु परिवर्तन आज दुनिया के सामने एक बड़ी चुनौती है। विगत सालों में असमय अतिवृष्टि के रूप में हम सबने इसके दुष्परिणामों को देखा है। उन्होंने कहा कि भारत की परंपरा सदैव से पर्यावरण हितैषी रही है और उत्तर प्रदेश में लगातार इस दिशा में कार्य हो रहे हैं। प्रदेशभर में 35 करोड़ पौधे लगाए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि 2017 के बाद से अब तक प्रदेश में 133 करोड़ पौधे लगाने का कार्य हुआ है। यही कारण है कि आज प्रदेश की जनता में भी पर्यावरण संरक्षण को लेकर सकारात्मक भाव पैदा हुआ है। आदित्यनाथ ने दो दिवसीय सम्मेलन में देशभर से आए प्रतिनिधियों का स्वागत किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में आम नागरिकों में पर्यावरण संरक्षण का भाव पैदा हुआ है और आज हम 100 साल से पुराने वृक्षों को विरासत वृक्ष के रूप में मान्यता देकर उनका संरक्षण कर रहे हैं। प्रदेश में ऐसे कई वृक्ष हैं, जिनके नीचे बैठकर क्रांतिकारियों ने देश की आजादी की रणनीति तय की। भूपेन्द्र यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संकल्पों को पूरा करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश भारत का विकास इंजन बन रहा है। यहां आयोजित सम्मेलन का दो दिवसीय आयोजन पर्यावरण के क्षेत्र में मील का पत्थर बनेगा।मुख्यमंत्री की सराहना करते हुए केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि योगी आदित्यनाथ के वन्य व प्रकृति प्रेमी होने तथा उनकी सक्रियता के कारण राज्य के रानीपुर अभयारण्य को पिछले वर्ष देश के बाघ अभयारण्य में सम्मिलित किया गया। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में बाघ अभयारण्य की संख्या बढ़कर तीन हो गई है, इसमें दुधवा, पीलीभीत और रानीपुर सम्मिलित हैं। यादव ने कहा कि गंगा और शिवालिक क्षेत्र के बाघ अभयारण्य में बाघों की संख्या वर्ष 2018 में 646 थी, लेकिन प्रदेश सरकार के प्रयासों से यह अब बढ़कर 804 हो गई है। उन्होंने मुख्यमंत्री को उत्तर प्रदेश का देश का शीर्ष एथेनॉल उत्पादक राज्य होने के लिए बधाई देते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में उत्तर प्रदेश उत्तम प्रदेश बन रहा है।
जलवायु परिवर्तन आज दुनिया के सामने एक बड़ी चुनौती: योगी
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