भोपाल । मध्यप्रदेश में सरकार ने चार जिलों के जंगलों को अभयारण्य घोषित करने की तैयारी शुरू कर दी है। हदरा, बुरहानपुर, धार और नरसिंहपुर जिलों को यह सौगात मिलेगी। दरअसल, कांग्रेस शासनकाल में प्रदेश में 11 नए अभयारण्य बनाने का प्रस्ताव तैयार किया गया था। सत्ता परिवर्तन के बाद इन प्रोजेक्ट की फाइलों को बंद कर दिया गया था। वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि बाघ, तेंदुआ समेत अन्य वन्य प्राणियों की बढ़ती संख्या के साथ संरक्षण के मद्देनजर पुराने प्रोजेक्ट के नए अभयारण्य का मसौदा नए सिरे से तैयार किया जा रहा है।
इन अभयारण्य के लिए सर्वे रिपोर्ट तैयार की जाएगी। मैपिंग, जलाशयों की स्थिति, वनों की स्थिति और प्रकार, संबंधित वन क्षेत्रों में मौजूद वन्य प्राणियों का पूरा खाका तैयार होगा। हालांकि चार साल पहले भी प्रस्ताव में प्रस्तावित अभयारण्यों का खाका तैयार किया गया था। रिपोर्ट समेत अन्य प्रकृति में तैयार करने में कुल 2 करोड़ 23 लाख का खर्चा भी हुआ था। वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 26 (ए) के तहत कागजी कार्रवाई पूरी की गई थी।
14.76 हजार वर्ग किलोमीटर का संरक्षित रकबा 18 हजार के होगा पार
अधिकारियों ने बताया कि एमपी में फिलहाल 14.73 हजार वर्ग किलोमीटर का रकबा संरक्षित क्षेत्रों में हैं। इसमें नेशनल पार्क, टाइगर रिजर्व, अभयारण्य समेत घोषित संरक्षित वन शामिल हैं। पुराने प्रस्ताव के मुताबिक प्रारंभिक रिपोर्ट में नए चार अभयारण्य के बाद चार हजार वर्ग किलोमीटर का अतिरिक्त वन क्षेत्र संरक्षित होगा। प्रदेश में संरक्षित जंगलों का कुल क्षेत्रफल 18 हजार के पार होने का अनुमान है।
वाइल्ड लाइफ कॉरिडोर कनेक्टिविटी के तर्ज पर होंगे अभ्यारण्य
मध्यप्रदेश में बाघों, तेदुओं समेत अन्य वन्य प्राणियों की संख्या में इजाफा हो रहा है। लिहाजा बाघ समेत अन्य वन्य प्राणी भी अन्य वन्य क्षेत्रों में जाने से नहीं चुकते। अफसरों के मुताबिक बीते 15 सालों में रातापानी के बाघों का भोपाल की ओर मूवमेंट होना भी इसका ही एक कारण है। लिहाजा, इन प्रोजेक्टों को वाइल्ड लाइफ कॉरिडोर कनेक्टिविटी की तर्ज पर विकसित करने का प्लान है। दावा यह भी है कि ऐसे प्रोजेक्ट की भी प्लानिंग की जा रही है जो दो या दो से अधिक नजदीकी अभयारण्य को कॉरिडोर के रूप में वाइल्ड लाइफ कनेक्टिविटी को बढ़ा सकें।
पुराने नाम से चल रही नए प्रस्ताव की फाइल
कांग्रेस शासनकाल में प्रस्तावित हदरा, बुरहानपुर, धार और नरसिंहपुर जिलों के अभयारण्य का नामकरण हो चुका है। इसमें धार जिले में जमुना देवी अभयारण्य, बुरहानपुर जिले में महात्मा गांधी अभयारण्य, हरदा जिले में डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद अभयारण्य और नरसिंहपुर जिले में इंदिरा गांधी अभयारण्य का नाम दिया गया। फिलहाल इन्हीं नामों से प्रोजेक्ट जारी हैं। सूत्र बताते हैं कि नए नोटिफिकेशन के साथ ही पुराने नामों को बदल दिया जाएगा।