ग्वालियर। हम ऐसी संस्कृति के उपासक हैं जो सबको स्वीकार करती है। स्वामी विवेकानंद ने वर्ष 1893 में आयोजित हुई विश्व धर्म संसद में यह संदेश देकर पूरे विश्व में भारतीय संस्कृति की पताका फहराई थी। संयुक्त राज्य अमेरिका के उसी शहर में वर्ष 1905 में रोटरी अंतर्राष्ट्रीय की स्थापना हुई। रोटरी भी भारतीय संस्कृति में समाहित संकल्प, भाव व वृत से प्रेरित है।
उक्त आशय के विचार हरियाणा के राज्यपाल प्रो. कप्तान सिंह सोलंकी ने व्यक्त किए। प्रो. सोलंकी रोटरी क्लब ग्वालियर के संयुक्त पदारोहण एवं पुरस्कार वितरण समारोह को संबोधित कर रहे थे। यहां राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय के ऑडिटोरियम में आयोजित हुए इस समारोह की अध्यक्षता कलेक्टर श्री राहुल जैन ने की। इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक डॉ. आशीष, नगर निगम आयुक्त श्री विनोद शर्मा, आईपीडीजी श्री भूपेन्द्र जैन व पीडीजी डा. वीरेन्द्र कुमार गंगवाल मंचासीन थे।
संत कृपाल सिंहए जीडीए के अध्यक्ष श्री अभय चौधरी व नगर निगम के सभापति श्री राकेश माहौर सहित अन्य जनप्रतिनिधि गण भी कार्यक्रम में उपस्थित थे। राज्यपाल प्रो. सोलंकी ने कहा कि भारतीय संस्कृति का उद्देश्य यह नहीं कि जो कमायेगा वह खायेगा बल्कि यह है कि जो कमायेगा वो खिलायेगा। उन्होंने कहा कि जो स्वयं के लिये जीते हैं वो शक्ल से तो मनुष्य हो सकते हैं पर वास्तविक रूप से नहीं। प्रो. सोलंकी ने कहा कि स्वयं के बारे में सोचने से ही पूरे विश्व में हिंसा व आतंकवाद पनप रहा है। उन्होंने कहा कि स्वयं का अस्तित्व समाज के बल पर ही है।