नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) खाता आप घर बैठे महज 15-20 मिनट में खोल सकते हैं। इसके लिए आपके बैंक खाता का आधार और पैन से जुड़ा होना जरूरी है। पिछले साल एनपीएस ने 13 फीसदी के करीब और पांच साल में 10 फीसदी औसत रिटर्न दिया है। पिछले वित्त वर्ष में 50 फीसदी एनपीएस खाता ऑनलाइन खुले हैं। पेंशन फंड नियामक प्राधिकरण (पीएफआरडीए) के चेयरमैन हेमंत कॉन्ट्रैक्टर ने बुधवार को हिन्दुस्तान से खास बातचीत में यह बात कही।

एक क्लिक पर सत्यापन
पिछले दो साल में एनपीएस में में निवेश के तरीके एवं सुविधाओं में खासा बदलाव आया है। एनपीएस खाता के लिए जरूरी सूचनाएं आधार के जरिये हासिल हो जाती हैं। कॉन्ट्रैक्टर ने कहा कि आधार के जरिये एक क्लिक पर सत्यापन भी हो जाता है। एनपीएस खाता में निवेश राशि का भुगतान अब आप डेबिट-क्रेडिट कार्ड और नेट बैंकिंग से भी कर सकते हैं।

युवाओं को लुभा रहा एनपीएस
25 से 35 साल के युवाओं की भागीदारी एनपीएस में सबसे अधिक है। वहीं महिलाओं की हिस्सेदारी भी एनपीएस में बढ़ने लगी है। कांट्रेक्टर ने कहा कि स्वालंबन योजना में महिलाओं की भागीदारी 55 फीसदी के करीब है। जबकि अटल पेंशन योजना में 45 फीसदी के करीब महिलाओं की हिस्सेदारी है।

एप से निवेश भी निवेश की सुविधा
एनपीएस ने कुछ महीने पहले एप पेश किया है। महज चार-पांच माह में ही पांच लाख बार एप डाउनलोड हुआ है। इसके जरिये निवेश के साथ एनपीएस खाता पर नजर रखना अब और ज्यादा आसान हो गया है। एप के जरिये खाता में बैलेंस, पिछली बार की निवेश राशि और पिछले पांच बार की लेन-देन का विवरण देख सकते हैं। एप को प्ले स्टोर से डाउनलोड कर सकते हैं।

एसटीपी की सुविधा मिले
पीएफआरडीए एनपीएस में आंशिक निकासी में सिस्टमैटिक ट्रांसफर प्लान (एसटीपी) की सुविधा का विकल्प देने की संभावनाओं का अध्ययन कर रहा है। ऐसा होने पर एक खास अंतराल के बाद बैंक खाते में पहले से तय राशि खुद चली जाएगी। इससे खाताधारक के पास जरूरत के लिए हमेशा राशि उपलब्ध रहेगी। साथ ही एनपीएस खाता में बची हुई राशि पर ज्यादा रिटर्न मिलेगा।

क्या है एनपीएस
यह एक सेवानिवृत्ति निवेश योजना है। इसमें निवेश पर आयकर के तहत दो लाख रुपये तक की टैक्स छूट मिलती है। परिपक्वता पर 40 फीसदी राशि एन्यूटी में लगानी पड़ती है जिसके आधार पर पेंशन मिलती है। शेष राशि के 20 फीसदी हिस्से पर टैक्स लगता है। एनपीएस खाता 10 साल का हो जाने पर 25 फीसदी आंशिक निकासी की सुविधा है।