छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा जिले में बुधवार को हुए हमले के बारे में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने बड़ा खुलासा किया है. सीआरपीएफ का मानना है कि दंतेवाड़ा में उसके कर्मियों की आवाजाही से जुड़ी जानकारी ‘लीक’ हुई थी. जासूसों का पता लगाने के लिए जांच शुरू कर दी गई है.
दंतेवाड़ा जिले के मेलावाड़ा गांव में बुधवार को घातक बारूदी सुरंग विस्फोट हुआ था. जिसमें इस अर्धसैन्य बल के सात जवान शहीद हो गए थे. दरअसल वहां, नक्सलियों ने टाटा-709 मिनी ट्रक को विस्फोट कर उड़ा दिया था. सीआरपीएफ के जवान इस वाहन में सवार होकर जवान एक शिविर से दूसरे शिविर जा रहे थे.
सीआरपीएफ के अधिकारियों का मानना है कि जानकारी लीक करने वाला जासूस इस बल के भीतर का भी हो सकता है और बाहर का भी. अब जानकारी लीक करने वालों की तलाश की जा रही है.
सीआरपीएफ के महानिदेशक के. दुर्गा प्रसाद ने बताया कि यह तय है कि उनकी आवाजाही से जुड़ी जानकारी लीक हुई थी. कहीं न कहीं या किसी न किसी स्तर पर ऐसा ही हुआ है. जवानों की आवाजाही औचक और अभियान से परे थी और इसलिए सभी जवान सादे कपड़ों में थे.
डीजी ने कहा कि वे इस पूरे मामले की जांच कर रहे हैं. बुधवार को नक्सलियों ने घातक बारूदी सुरंग विस्फोट किया था. जिसमें सीआरपीएफ के सात जवान मारे गए थे. माओवादी हिंसा से बेहद प्रभावित दंतेवाड़ा जिले में इस विस्फोट के कारण सड़क में चार फुट गहरा गड्ढा हो गया था.
बीती देर रात छत्तीसगढ़ पहुंचे महानिदेशक मेलावाड़ा गांव के पास विस्फोट स्थल पर गए. और उन्होंने पूरे इलाके का दौरा किया. उन्होंने कहा कि इस तरह के हमलों से उनके जवानों का मनोबल नहीं गिरेगा.
दंतेवाड़ा नक्सली हमले पर बड़ा खुलासा, लीक हुई थी CRPF के मूवमेंट की खबर
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