छतरपुर । छतरपुर में बड़ामलहरा के भोयरा गांव निवासी जल सहेली गंगा राजपूत को दिल्ली के विज्ञान भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु और केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने स्वच्छ सुजल शक्ति सम्मान प्रदान किया है। गंगा राजपूत ने गांव के 12 एकड़ के तालाब को पुनर्जीवित कर जल संरक्षण के लिए काम किया है। उत्तरप्रदेश में ललितपुर की जल सहेली शारदा देवी, झांसी बबीना के मानपुर की गीता देवी को भी यह सम्मान मिला है। सम्मान समारोह लेने परिवार सहित दिल्ली गईं गंगा राजपूत ने बताया कि उन्होंने गांव में जब अंधविश्वास से सूख चुके तालाब को पुनर्जीवित करने का बीड़ा उठाया था तो कभी यह नहीं सोचा था कि इतना बड़ा सम्मान मिलेगा। सम्मान मिलने से उनका उत्साह कई गुना बढ़ा है। अब जल संरक्षण के लिए अलख जगाने में और तेजी लाएंगीं। गांव में लोग कहते थे कि तालाब में पानी लाने की जो कोशिश करेगा उसका वंश नष्ट हो जाएगा पर उन्होंने सोचा कि पानी न होने से बेहतर है कि मर ही जाएं। लोगों की बातों की परवाह किए बिना गांव की दो दर्जन महिलाओं के साथ मिलकर जर्जर तालाब की खुदाई की। बारिश के बाद अब तालाब लबालब भरा है। जल जन जोड़ा अभियान के राष्ट्रीय संयोजक संजय सिंह कहते हैं बुंदेलखंड को पानीदार बनाने में परमार्थ समाजसेवी संस्था की जल सहेलियों से प्रेरित होकर देश में महिलाएं जल संरक्षण के लिए आगे आई हैं। एक दशक में देश की 7 जनपदों में 1100 से अधिक जल सहेलियां जल संरक्षण के क्षेत्र में प्रयासरत हैं।
छतरपुर की गंगा राजपूत को राष्ट्रपति ने दिल्ली में स्वच्छ सुजल शक्ति सम्मान दिया
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