भोपाल। प्रदेश के 20 हजार से अधिक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को अब 30 साल की सेवा पूरी होने पर तृतीय समयमान वेतनमान दिया जाएगा। वित्त विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं। शासन ने इस लाभ के लिए पदोन्न्ति के निर्धारित मापदंड पूरे करने की शर्त भी खत्म कर दी है।

इन कर्मचारियों को एक जुलाई-2014 या उसके बाद 30 साल की सेवा पूरी करने पर यह लाभ मिलेगा। इसके लिए "मप्र अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त मोर्चा" और "मप्र लघुवेतन कर्मचारी संघ" ने लंबी लड़ाई लड़ी है। 11 मार्च को जिन मांगों को लेकर प्रदेशभर में कर्मचारी हड़ताल पर रहे थे, उनमें एक मांग यह भी थी।

शासन ने इस विसंगति पर विचार कर निर्णय लिया कि चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की सहायक ग्रेड-3 के पद पर पदोन्न्ति सामान्य क्रम से न होकर एक नीति के तहत होती है। इसलिए चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को तृतीय समयमान वेतनमान देते समय पदोन्न्ति पद के मापदंड के बंधन से मुक्त किया जाना चाहिए।

इसलिए लाभ से वंचित थे कर्मचारी

जनवरी 2008 में जारी वित्त विभाग के आदेश के कारण इन कर्मचारियों को तृतीय समयमान वेतनमान का लाभ नहीं मिल पा रहा था। उस आदेश में शर्त रखी गई थी कि उच्च वेतनमान का लाभ तभी मिल पाएगा, जब कर्मचारी पदोन्न्ति के लिए निर्धारित मापदंडों को पूरा करेंगे।