नई दिल्ली । कांग्रेस ने कहा है कि पूर्वोत्तर के तीन राज्यों की विधानसभाओं के चुनाव परिणाम पार्टी के लिए निराशाजनक रहे लेकिन विभिन्न राज्यों में हुए उपचुनावों के परिणाम बहुत ही उत्साहवर्द्धक हैं। कांग्रेस संचार विभाग के प्रभारी जयराम रमेश ने कहा कि पार्टी संगठन राज्यों में मजबूत है, इतना ही नहीं चुनाव परिणामों को लेकर यह कहना गलत है कि पूर्वोत्तर में पार्टी के शीर्ष नेता चुनाव प्रचार में नहीं गए थे।
उनका कहना था कि स्थानीय चुनाव में पार्टी का संगठन और जिला तथा प्रदेश स्तर के नेता ज्यादा प्रभावी होते हैं। इस बार विधानसभाओं तथा उपचुनावों के परिणाम पार्टी के लिए निराशाजनक और उत्साहजनक रहे हैं। उपचुनावों के परिणाम को उन्होंने पार्टी के लिए उत्साहजनक बताकर कहा कि बंगाल में उपचुनाव में पार्टी का प्रदर्शन बहुत अच्छा रहा। महाराष्ट्र में 30 साल बाद भाजपा के गढ में कांग्रेस ने जीत हासिल की है और यह बहुत सकारात्मक है।
तमिलनाडु उपचुनाव में कांग्रेस के सभी वरिष्ठ नेता जीते और जिस अंतर से जीते हैं वे बहुत उत्साहजनक हैं। इससे साफ है कि कांग्रेस को अब पूरे देश में जनादेश मिलने लगा है। रमेश ने कहा कि त्रिपुरा में पार्टी मानकर चल रही थी कि वहां कांग्रेस और वामपंथी गठबंधन को जीत मिलेगी लेकिन ऐसा नहीं हआ। पार्टी को यह भी उम्मीद थी कि वहां उसे 33 से ज्यादा सीटें मिलेंगी लेकिन नहीं जीत सके। कांग्रेस नेता ने कहा कि नागालैंड में पार्टी पहले ही मान चुकी थी कि भाजपा तोड़फोडकर सरकार बना ही लेगी लेकिन हमारा वहां वोट शेयर बढा है। उन्होंने कहा कि नागालैंड में पार्टी ने 60 में से दस महिलाएं उम्मीदवार बनाई। ज्यादा उम्मीदवार 45 से कम उम्र के थे। पूर्वोत्तर कांग्रेस का गढ़ रहा है लेकिन आठ दस सालों में वहां किस तरह से राजनीतिक बाजाद में भाजपा सरकार बनाने में सफल होती है और इस बार भी यही देखने को मिला है। हम चुनाव परिणाम को स्वीकार करते हैं लेकिन हमें संगठन को और मजबूत बनाना है।
उपचुनाव परिणामों पर कांग्रेस नेता ने कहा, ये खुशी और गम वाले
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