बिहार विधानमंडल में विधायकों को मिले गिफ्ट पर मचे हंगामे में नया मोड़ आ गया है. सोमवार को सदन में सुशील मोदी अपने उन तमाम तोहफों को लेकर आए जो उन्हें विधानसभा में दिए गए थे. विधान परिषद की पोर्टिको में सुशील मोदी ने अपनी गाड़ी से सारे तोहफों को निकाल कर सदन को वापस कर दिया. जबकि ठीक उसी वक्त राबड़ी देवी ने अपने तोहफों को अपनी गाड़ी में रखवाया.

बीजेपी के तीन बड़े नेताओं ने लौटाए तोहफे
सोमवार सुबह से ही चर्चा थी कि बीजेपी विधायक अपने तोहफे वापस करेंगे. सुशील मोदी, मंगल पांडेय और प्रेम कुमार के अलावा किसी ने अपने तोहफे नहीं लौटाए हैं. मोदी ने कहा कि उन्होंने अंतरात्मा की आवाज सुनकर तोहफे वापस किए हैं. उन्होंने मुख्यमंत्री को चिठ्ठी लिखकर मांग की है कि इस तोहफे देने की प्रथा को बंद किया जाए.

आगे से महंगे तोहफे बांटने पर रोक की मांग
सुशील मोदी ने कहा कि निजी तौर पर मैंने अपने तमाम तोहफे लौटा दिए हैं. मेरे कमरे के बाहर उसे रख दिया गया है. मैंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इसे वापस करने और इस प्रथा पर रोक लगाने की मांग की है. मोदी ने कहा कि सार्वजनिक जीवन में गलतियों को सुधारा जा सकता है. पहले मिलते रहे इन तोहफों को लौटाकर उन गलतियों को सुधार रहा हूं.

अपने तोहफे घर ले गईं राबड़ी देवी
एक तरफ सुशील मोदी ने अपना तोहफा वापस किया तो दूसरी ओर राबड़ी देवी ने अपना तोहफा लिया. राबड़ी देवी की गाड़ी में वो सभी तोहफे रखे गए. राबड़ी देवी ने तोहफा लौटाने वाले सुशील मोदी पर सवाल भी उठाए. उन्होंने कहा कि आखिर इतने सालों तक वह तोहफे क्यों लेते रहे? उन्होंने कहा कि सुशील मोदी और बीजेपी नेता अपने समय भी खूब तोहफे लेते और बांटते रहे. अगर लौटाना है तो पिछले 8 सालों के सारे तोहफे वापस करें. वहीं उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि लौटाना ही था तो तोहफे लिए क्यों?

महंगे तोहफों पर विपक्ष ने उठाए थे सवाल
मीडिया में गुरुवार को जब महंगे तोहफे बंटने की तस्वीरें सामने आई. तब शिक्षा विभाग के अपने नियोजित शिक्षकों को 6 माह से वेतन नहीं देने की चर्चा शुरू हो गई. विपक्ष ने कहा कि विधायको और मंत्रियों को इतने महंगे तोहफे कैसे बांटे जा रहे हैं?

तोहफों पर राजनीति कर रही है बीजेपी
महंगे तोहफे को लेकर शिक्षा मंत्री पर उठ रहे सवालों पर कंग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी ने अपनी चुप्पी तोड़ी. उन्होंने कहा कि बीजेपी इस पर राजनीति कर रही है. शिक्षकों के वेतन के लिए केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी से पैसे की मांग की गई थी. बीजेपी उनसे बात करने के बदले तोहफे को मुद्दा बना रही है. बीजेपी नेता सालों से इसे लेते और देते रहे हैं.

सरकारी महंगे तोहफे बांटने पर लगी रोक
बहरहाल महंगे गिफ्ट पर राज्य सरकार इस वक्त घिरी हुई है. उन्हीं वजहों से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आगे से ऐसे मंहगे तोहफे बांटने की प्रथा को रोकने पर सहमति दे दी है.