नयी दिल्ली: भारत में चार-पांच पाकिस्तानी बैंक अपनी शाखा खोलना चाहते हैं और सही वक्त का इंतजार कर रहे हैं। यह बात पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक ने कही।
स्टेट बैंक आफ पाकिस्तान के डिप्टी गवर्नर सईद अहमद ने कहा, यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि दोनों देशों के बीच कारोबार और बैंकिंग के मामले में कोई गतिविधि नहीं हो रही है। मुझे भरोसा है कि माहौल और अनुकूल होने पर दोनों देश के पास इकट्ठा सीखने का मौका होगा। कई बैंक हैं जो भारत में आना चाहते हैं और काम करना चाहते हैं।
यह पूछने पर कि भारत में कितने बैंक परिचालन के लिए आना चाहेंगे, उन्होंने कहा, अनौपचारिक तौर पर हमसे चार-पांच प्रमुख बैंकों ने बात की है लेकिन ऐसा कोई विकल्प नहीं है इसलिए कोई औपचारिक आवेदन नहीं आया है। अगस्त 2012 में दोनों पक्ष, दोनों देशों के दो बैंकों को पूर्ण बैंकिंग लाइसेंस देने के मुद्दे पर सहमत हुए थे। हालांकि उसके बाद से इस संबंध में कोई गतिविधि नहीं हुई है।
हाल ही में वित्त राज्यमंत्री जयंत सिन्हा ने लोकसभा में कहा था कि भारतीय रिजर्व बैंक ने बताया है कि पाकिस्तान के सिर्फ दो बैंकों - मुस्लिम कमर्शियल बैंक लिमिटेड और यूनाइटेड बैंक लिमिटेड - ने भारत में बैंकिंग क्षेत्र में उपस्थिति दर्ज कराने के लिए आवेदन किया है।
अहमद ने कहा, मुझे भरोसा है कि भारतीय बैंक पाकिस्तान में काम करने के काफी इच्छुक होंगे। विभाजन से पहले कई भारतीय बैंकों का पाकिस्तान में परिचालन था। पंजाब नेशनल बैंक का स्वतंत्रता से पहले लाहौर में पंजीकृत कार्यालय था। ओरियंटल बैंक ऑफ कामर्स की स्थापना 1943 में लाहौर में हुई थी। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और बैंक ऑफ इंडिया 1965 तक कराची और लाहौर में परिचालन करते थे जबकि दोनों देशों के बीच युद्ध के मद्देनजर इन बैंकों को परिचालन बंद करना पड़ा।
पाकिस्तान के 4-5 बैंक भारत में ब्रांच खोलने के इच्छुक
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