महाराष्ट्र में सूखे की मार और इसकी वजह से पानी की किल्लत का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि प्रशासन ने लातूर शहर में पानी को लेकर संघर्ष रोकने के लिए जल स्रोतों के आसपास धारा 144 लागू कर दी है.
धारा 144 के तहत चार या चार से अधिक लोग एक स्थान पर एकत्रित नहीं हो सकते. यानी लातूर शहर में स्थित छह वाटर टैंक्स और शहर को पानी की सप्लाई करने वाले तालाबों, कुओं और अन्य जल स्रोतों के आसपास अधिक लोगों के एक साथ जाने पर पाबंदी लगा दी गई है.
ज़िले के कलेक्टर पांडुरंग पोले के अनुसार लातुर शहर और आसपास के इलाक़ों में पानी को लेकर हिंसक झड़पों की आशंका को देखते हुए ये क़दम उठाया गया है.
कुछ स्थानों पर पानी की सप्लाई को लेकर विवाद हिंसक झड़पों तक पहुँच गया था. इसके बाद प्रशासन ने ऐहतियातन ये कदम उठाया है.
प्रशासन ने हालात पर काबू पाने के लिए 18 मार्च को धारा 144 लगाई थी जो एक अप्रैल तक लागू रहेगी.
राज्य में हाल के दिनों में यह अपनी तरह का पहला मामला है जब पानी के लिए धारा 144 के तहत ये निर्देश जारी किया गया है.
लातूर के मेयर अख़्तर शेख ने कहा, "पिछले चार-पांच साल से बारिश नहीं हो रही है, इसलिए ऐसी स्थिति बन गई है. इसके बावजूद प्रशासन पानी पहुंचाने की पूरी कोशिश कर रहा है."
उन्होंने बताया, "कुछ लोग हैं जो ज़ोर-ज़बरदस्ती करके खुद को अधिक लाभ पहुंचाना चाहते हैं. ऐसे लोगों की वजह से ही ज़िले में धारा 144 लगाई गई है. इसका मक़सद है कि लोगों को बराबर पानी मिल सके."
मेयर ने बताया कि इस दौरान हर घर को 200 लीटर पानी पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.
महाराष्ट्र के लातूर में पानी पर 'पहरा'
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