बेंगलुरु । वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने विश्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के प्रमुखों के साथ गोलमेज बैठक में कुछ देशों के समक्ष मौजूद ऋण पुनर्गठन की समस्या पर चर्चा की। विश्व बैंक के अध्यक्ष डेविड माल्पस और आईएमएफ की प्रबंध निदेशक (एमडी) क्रिस्टलिना जॉर्जीवा के साथ सीतारमण की गोलमेज बैठक यहां पर जी-20 वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक गवर्नरों की पहली बैठक से इतर आयोजित की गई। इस बैठक में ऋण पुनर्गठन की चुनौतियों और ऋण जोखिम के मुद्दों पर चर्चा की गई।
वित्त मंत्रालय ने एक ट्वीट में इस गोलमेज बैठक का जिक्र करते हुए कहा, “वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वर्तमान के विविध कर्ज परिदृश्य को स्वीकार करने और चुनौतियों व उनसे निपटने के तरीकों की एक आम समझ बनाने की अहमियत पर जोर दिया।” उन्होंने जी-20 समूह के माध्यम से कमजोर और कम प्रतिनिधित्व वाले कर्जदार देशों की आवाज सुनने का आह्वान किया। वित्त मंत्रालय ने एक और ट्वीट में कहा, “आईएमएफ की एमडी जॉर्जीवा और विश्व बैंक के अध्यक्ष माल्पस ने कर्ज पुनर्गठन की प्रक्रिया को तेज करने का आह्वान किया और कहा कि यह मंच एक साथ काम करने और कमजोर देशों की मदद करने का अवसर है।”
कोरोना महामारी के बाद कई देश भारी कर्ज के बोझ से दब गए थे। इन्हें राहत देने के लिए ऋण पुनर्गठन की दिशा में छोटे-छोटे कदम उठाए गए हैं।
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने विश्व बैंक और आईएमएफ के प्रमुखों के साथ गोलमेज बैठक की
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