नई दिल्ली : कोलकाता नाइट राइडर्स के कप्तान गौतम गंभीर के लिए केवल जीत ही मायने रखती है और जब मौजूदा आईपीएल चैम्पियन टीम अगामी चैम्पियंस लीग ट्वेंटी20 में भाग लेगी तो वह ‘विनम्रता से हारने के बजाय चालाक विजेता’ बनना पसंद करेंगे।
गंभीर ने आज कहा, हम मैदान में हमेशा यह सोचकर जाते हैं कि हम जीतेंगे और इस बार भी कुछ अलग नहीं होगा। आदर्श स्थिति यही है कि किसी को टूर्नामेंट के शुरुआती चरण में खिताब के बारे में नहीं सोचना चाहिए लेकिन अवचेतन मन ऐसा है कि यह आपको खिताब तक पहुंचने से पहले ही इसकी ओर ले जाता है। इसलिये मैं 17 सितंबर को चेन्नई सुपरकिंग्स के खिलाफ होने वाले पहले मैच पर फोकस करना चाहता हूं और इससे आगे के बारे में नहीं सोचना चाहता। यह पूछने पर कि क्या ज्यादा तीव्र होकर वह कभी कभार खुद को नुकसान पहुंचा बैठते हैं तो इस 32 वर्षीय बायें हाथ के खिलाड़ी ने कहा, अब खुद में बदलाव करने में काफी देर हो गयी है।
उन्होंने कहा, हां, काफी लोगों ने मुझसे यह बात कही, लेकिन मेरा रवैया हमेशा ही ऐसा रहा है। एक दिन मैं वीरेंद्र सहवाग, आशीष नेहरा और कुछ अन्य के साथ बैडमिंटन खेल रहा था। वहां भी मेरे लिये खेल का लुत्फ उठाना नहीं बल्कि जीतना अहम था। मैं हमेशा ही इस तरह का रहा हूं।
गंभीर ने कहा, सच कहूं तो मैं विनम्रता से हारने के बजाय चालाक विजेता बनना पसंद करूंगा। मैं प्रतिस्पर्धा के लिये खेलता हूं, अच्छा दिखने या दोस्त बनाने के लिये नहीं। मेरे रवैये में बदलाव करने के लिये अब काफी देर हो गयी है। मैं जैसा हूं, उससे खुश हूं। उन्हें लगता है कि केकेआर और अन्य भारतीय फ्रेंचाइजी टीमों के पास चैम्पियंस लीग ट्वंेटी20 में विपक्षी टीमों के बजाय अपनी सरजमीं पर जीत दर्ज करने का बढ़िया मौका है जिनमें बारबाडोस ट्राइडेंट, पर्थ स्कोरचर्स और डोलफिन्स शामिल हैं।
गंभीर ने कहा, यह तो प्राकृतिक ही है। जैसे आस्ट्रेलियाई टीम के लिये बिग बैश जीतना काफी चुनौतीपूर्ण हो जाएगा, अगर यह भारत में होगी। यह इसी तरह है। लेकिन इसके बावजूद बतौर कप्तान यह काफी संतोषजनक होता, अगर हमने 2012 में दक्षिण अफ्रीका में टूर्नामेंट जीता होता।
‘विनम्रता से हारने के बजाय चालाक विजेता’ बनना पसंद करूंगा: गौतम
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