नयी दिल्ली : बंद हो चुकी किंगफिशर एयरलाइंस के मालिक, शराब कारोबारी और राज्यसभा सांसद विजय माल्या की गूंज आज संसद में सुनाई दी. कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने राज्यसभा में मामला उठाते हुए कहा कि मामले में केंद्र को भी पार्टी बनाया जाए. आजाद ने सरकार को घेरते हुए कहा कि विजय माल्या कोई सुई नहीं है, जिन्हें पकड़ा नहीं जा सकता. वो एक किलोमीटर दूर से भी नजर आ सकते हैं.

लोकसभा भी आज माल्या का मामला उठा. कांग्रेस सांसद मल्ल‍िकार्जुन खडगे ने कहा कि सरकार की मदद से माल्या देश के बाहर जाने में कामयाब हो सका. विपक्ष के सवाल का जवाब देते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि माल्या को  आर्थिक मदद यूपीए सरकार में दी गई, बैंक उनसे पैसा रिकवर करने की कोशिश कर रहे हैं. बैंक अपना बकाया वसूल लेंगे. माल्या के खिलाफ देशभर में केस दर्ज. उनपर 9091 करोड़ रुपये का कर्ज है. बैंको को हर कदम उठाने की छूट दी गई है. जेटली के जवाब के बाद कांग्रेस सांसद लोकसभा से बाहर चले गए.

जेटली के जवाब के बाद राहुल गांधी ने सदन के बाहर कहा कि 9000 करोड़ रुपये उठाकर माल्या जी भाग गए. अरुण जी से हमने पूछा माल्या जी देश से निकलकर कैसे गए ? जिसके जवाब में अरुण जी ने इतना बड़ा भाषण दिया लेकिन जवाब नहीं दिया. राहुल गांधी ने कहा कि सवाल यह है कि एक व्यक्ति 9000 करोड़ रुपये चोरी करके देश के बाहर कैसे जा स‍कता है. इस सवाल का जवाब न तो मोदी जी के पास है और न ही जेटली जी के पास. ये लोग बातें करते हैं काला धन देश में वापस लाने की तो ऐसा कैसे हो गया? उन्होंने कहा कि पीएम ने दोनों सदन के चर्चा में भाग लिया लेकिन उन्होंने मेरे एक प्रश्‍न 'फेयर एंड लवली' योजना का जवाब नहीं दिया. 'फेयर एंड लवली' योजना का फायदा माल्या को मिला है.

लोकसभा में प्रवेश के पहले भी राहुल ने मोदी सरकार पहला किया और माल्या मामले में कांग्रेस उपाध्‍यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि अगर वो हमें बोलने की इजाजत देंगे तो हम बोलेंगे. सरकार इन मामलों में चर्चा के लिए तैयार नहीं रहती है. अगर सरकार मामले पर हमें बोलने देगी तो हम बोलेंगे लेकिन मुझे शक है कि वे ऐसा करेंगे.
 लोकसभा में भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि विजय माल्या हमारे लिए कोई संत नहीं हैं. क्या हमने उन्हें एक भी पैसा दिया? उन्हें पैसा यूपीए सरकार में दिया गया.

राज्यसभा में मामले को लेकर भाजपा सांसद और वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि माल्या को 2004 में बैंक सुविधा दी गई. यूपीए सरकार माल्या पर मेहरबान थी. जिस वक्त माल्या देश के बाहर गए उस समय किसी भी एजेंसी को उन्हें रोकने की अनुमति नहीं थी. सीबीआइ इस मामले की जांच कर रही है. जब ललित मोदी देश के बाहर भागे थे तो कांग्रेस सत्ता में थी और केस  फेमा के तहत दर्ज की गई थी जिसमें न उनको रोकने की ताकत थी और न पकड़ने की. कांग्रेस को आत्मचिंतन करने की जरुरत है.

राज्यसभा में जेटली को जवाब देते हुए कांग्रेस सांसद गुलाम नबी आजाद ने कहा कि यूपीए सरकार ने कभी माल्या की सिफारिश नहीं की. आप इस मामले में सीबीआइ जांच करा सकते हैं. मामले में जो भी दोषी हो उसके खिलाफ शख्‍त से शख्‍त कार्रवाई की जानी चाहिए.

राज्यसभा में जेडीयू सांसद शरद यादव ने कहा कि जो विपक्ष के नेता ने पूछा और सदन के नेता ने जवाब दिया, अजीब हालात हैं. इस देश में पैसे की थैली वालों के खिलाफ कुछ नहीं हो सकता. विजय माल्या के देश छोड़ने पर हो रही बहस के बीच में राज्य सभा में 'देशद्रोही को वापस लाओ' के नारे भी लगे. राज्यसभा में कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि मामला यह नहीं है कि कि माल्या को किसने लोन दिया, मामला यह है कि उन्हें जाने किसने दिया. बैंक ने पांच मार्च तक केस फाईल नहीं किया था.

इस मामले पर भाजपा सांसद मुख्‍तार अब्बास नकवी ने कहा कि देश का पैसा लेकर कोई भाग नहीं सकता है. कानूनी कार्रवाई में वक्त लग सकता है. उन्होंने कहा कि माल्या को भारत लाया जाएगा. भाजपा सांसद किरिट सौम्या ने कहा कि जीरो आवर में आज वे विजय मामला का मुद्दा उठायेंगे.