भोपाल। मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रोद्यौगिकी संस्थान (मैनिट) के हॉस्टल में बुधवार दोपहर बीटेक थर्ड ईयर की छात्रा ने फांसी लगा ली। इससे मैनिट परिसर में सनसनी फैल गई। छात्रा के पास से तेलुगू भाषा के शब्दों का अंग्रेजी में लिखा सुसाइड नोट बरामद किया गया है। उसमें लिखा है कि 'मैं परिवार को बहुत मिस करती हूं। घर की बहुत याद आती है। यहां अच्छा नहीं लगता, पर दोस्तों के कहने पर पढ़ाई कर रही हूं।' पत्र में खुदकुशी की ठोस वजह का जिक्र नहीं होने से घटना पर सस्पेंस बरकरार है।

कमला नगर पुलिस के मुताबिक मूलतः विशाखापट्टनम (आंध्रप्रदेश) की रहने वाली 20 वर्षीय मल्ला वैंकटेश सांई पल्लवी पुत्री एमवी अप्पाराव मैनिट में मैकेनिकल ब्रांच से बीटेक थर्ड ईयर की छात्रा थी। वह मैनिट के 7 नंबर कल्पना चावला होस्टल के कमरा नंबर-70011 में रहती थी। बुधवार दोपहर करीब 12ः30 बजे पड़ोस वाले कमरे में रहने वाली सहेली गीतांजलि ने मल्ला का कमरा बंद देखा।

उसने खिड़की से झांका तो मल्ला पंखे से दुपट्टा बांधकर फांसी लगा चुकी थी। उसने घटना की सूचना तत्काल मैनिट प्रबंधन को दी। सूचना मिलने पर कमला नगर पुलिस मौके पर पहुंची। एफएसएल जांच और पंचनामा की प्रक्रिया के चलते करीब 3 घंटे बाद शव पोस्टमार्टम के लिए हमीदिया अस्पताल भेजा गया। तलाशी में पुलिस को मौके से तमिल भाषा में लिखा एक दस लाइन का सुसाइड नोट मिला है।

जिसमें परिवार के लोगों को काफी मिस करने की बात लिखी गई है। साथ ही लिखा है कि वह दोस्तों के कहने पर पढ़ाई जारी रखे हुए है। मल्ला की सहेलियों का कहना है कि उसकी घर जाने की काफी इच्छा रहती थी, लेकिन पढ़ाई के कारण ऐसा संभव नहीं हो पा रहा था। पुलिस ने घटना की सूचना मल्ला के परिजनों को दे दी है। संभवतः वे गुरुवार सुबह भोपाल आ जाएंगे।

छात्र-छात्राओं की लगी भीड़

मल्ला की मौत की सूचना मिलते ही गर्ल्स हॉस्टल के बाहर छात्र-छात्राओं की भीड़ लग गई। उन्हें समझ में नहीं आ रहा था कि हादसा कैसे हो गया। छात्र-छात्राएं एक-दूसरे से इसके बारे में सवाल करते नजर आए। मल्ला को करीब से जानने वाले छात्र-छात्राओं के आंसू रुक नहीं रहे थे। उनके दोस्त उन्हें ढांढस बंधाते नजर आए।

समझ में नहीं आ रहा उसने खुदकुशी क्यों की

मल्ला की मंगलवार को तबीयत खराब हो गई थी। रेडक्रॉस अस्पताल में उसका इलाज कराया गया था। मैं बुधवार सुबह 9 बजे कैंटीन से मल्ला के लिए नाश्ता लेकर आई थी। उसे नाश्ता करने का कहकर मैं कॉलेज चली गई थी। समझ में नहीं आ रहा कि उसने खुदकुशी क्यों कर ली। - नवीना, इलेक्ट्रॉनिक कम्युनिकेशन ब्रांच की थर्ड ईयर की छात्रा

खिड़की से झांककर देखा तो मुझे चक्कर आ गया

मैंने बाहर से मल्ला को आवाज दी तो अंदर से कोई आवाज नहीं आई। इस पर मैंने खिड़की से झांककर देखा तो उसे फंदे पर लटका देखकर मुझे कुछ समझ नहीं आया। मुझे चक्कर आ गया। कुछ देर बाद होश आया तो मैंने दूसरी छात्राओं को इसके बारे में बताया। - गीतांजलि, छात्रा, मैनिट

बीपी लो होने पर रात में अस्पताल ले गए थे

मल्ला काफी गुमसुम रहा करती थी। मंगलवार रात को अचानक उसका ब्लड प्रेशर काफी लो हो गया था। उसे रेड क्रॉस अस्पताल ले जाया गया था। हालत सामान्य होने पर वह रात में ही वापस होस्टल आ गई थी। उसकी तबीयत खराब होने की सूचना रात में ही परिजनों को फोन पर दे दी गई थी।