ग्वालियर। वन्य प्राणी गणना के पहले दिन वन अमले को जितने वन्य जीव देखने को मिले सो तो मिले ही, अप्रत्याशित तौर पर 80 ऊंट भी मिल गए। इन ऊंटों को राजस्थान से सोन चिरैया अभयारण्य की बरई बीट क्षेत्र के जंगलों में चराने के लिए लाया गया था।

जानकारी के अनुसार रविवार से शुरू हुई वन्य प्राणी गणना में मैदानी अमले के कामकाज को परखने के लिए यहां डीएफओ विक्रम सिंह परिहार पहुंचे थे। उनके साथ प्रभारी गेम रेंजर लाल शर्मा सहित अन्य वन अमला मौजूद था। इसी दौरान श्री परिहार को कुछ ऊंट दिखाई दिए। श्री परिहार के निर्देश पर जब धरपकड़ के लिए वन अमले को दौड़ाया गया तो पूरे 80 ऊंट पकड़ में आए। ऊंटों के पकड़ में आते ही इन्हें चराने के लिए आए शिवलाल रेवाड़ी निवासी मंदसौर व गोविंद रेवाड़ी निवासी झालावाड़ सामने आ गए।

बार-बार पलटे अपनी जानकारी से

वन अमले की पकड़ में आने के बाद ऊंट चराने के लिए आने वालों ने बार-बार दी गई जानकारी बदली। पहले बताया कि ऊंट सांतऊ में रहने वाले हरचरण गुर्जर के हैं। बाद में बताया कि चराई में सुरक्षा व संरक्षण देने वाला लोकल संरक्षक है। फिर कहने लगे कि ऊंट राजस्थान के हैं।

जिंसी डिपो में बंद किया ऊंटों को

डीएफओ के निर्देश पर वन अमला ऊंटों को लगभग 25 किमी दूर जंगली इलाके से शिवपुरी लिंक रोड स्थित वन विभाग के डिपो तक लेकर आया। इन सभी ऊंटों की निगरानी के लिए वन अमले को लगा दिया गया है। सोमवार को मामला कोर्ट में रखा जाएगा।

पहले भी पकड़ा गया था

अधिकारियों के अनुसार इन आरोपियों को पहले भी पकड़ा जा चुका है। उस समय कार्रवाई के साथ ही इन लोगों को कड़ी हिदायत दी गई थी कि वह वन क्षेत्र में ऊंटों को चराने के लिए नहीं लाएं। इस हिदायत को इन लोगों ने बेहद हल्के में लिया। इस बार फिर वो ऊंटों को चराने के लिए ले आए।