लखनऊ: समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव ने 1990 में अयोध्या में विवादित ढांचे को बचाने के लिए कारसेवकों पर गोली चलवाने के अपने फैसले पर अफसोस जाहिर किया, लेकिन कहा कि धर्मस्थल को बचाने के लिए ऐसा करना जरूरी था।
कार सेवकों पर गोली चलाने के आदेश का अफसोस
मुलायम ने समाजवादी पार्टी नेता कर्पूरी ठाकुर की जयंती के मौके पर सपा प्रदेश कार्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि वर्ष 1990 में उनके मुख्यमंत्रित्वकाल में अयोध्या में विवादित ढांचे को बचाने के लिए उन्होंने कारसेवकों पर गोली चलाने का आदेश दिए थे, इसका उन्हें अफसोस है। लेकिन धर्मस्थल को बचाना जरूरी था, इसलिए गोली चलाई गई।
धर्मस्थल को बचाने के लिए गोली चलाई गई
उन्होंने कहा कि संसद में तत्कालीन नेता विपक्ष अटल बिहारी वाजपेयी ने इस घटना का जिक्र किया था तो उन्हें यह जवाब दिया गया था कि धर्मस्थल बचाने के लिए गोली चलाई गई थी और उस घटना में 16 लोगों की मौत हुई थी। अगर इसमें और भी ज्यादा जाने जाती हैं तो भी यह कदम पीछे न खींचते।
नैतिकता के आधार पर दिया था इस्तीफा
मुलायम ने कहा कि उन्हें इस बात का दुख है और इसलिए उन्होंने नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे दिया था। सपा मुखिया ने प्रदेश के मंत्रियों की एक बार फिर जमकर खिंचाई की। उन्होंने कहा कि प्रदेश के मंत्री पैसा कमाने में जुटे है अगर उन्हें पैसा ही कमाना था तो राजनीति में आने के बजाय कोई व्यापार कर लेते।
1990 में कार सेवकों पर गोली चलवाने के फैसले पर अफसोस : मुलायम सिंह यादव
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