नई दिल्ली : एक स्थानीय अदालत ने सोमवार को पंजाब पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी सलविंदर सिंह पर लाई-डिटेक्टर परीक्षण करने की इजाजत दे दी। इस परीक्षण के जरिए झूठ पकड़ा जाता है। पठानकोट आतंकवादी हमला मामले में सलविंदर सिंह बार-बार अपना बयान बदलते रहे हैं।
सलविंदर के साथ एनआईए का दल जिला न्यायाधीश अमरनाथ की अदालत में आया और उन पर लाई-डिटेक्टर परीक्षण करने के लिए अदालत की अनुमति लेने के इरादे से आवेदन दाखिल किया।
अदालत के सूत्रों के अनुसार एनआईए ने चैंबर में हुई सुनवाई में न्यायाधीश को बताया गया कि पूछताछ के दौरान सलविंदर के बयानों में विसंगतियां हैं, इसलिए परीक्षण करने की अनुमति दी जा सकती है।
सूत्रों के अनुसार सलविंदर ने परीक्षण के लिए न्यायाधीश के सामने अपनी सहमति दी।
एनआईए के आवेदन को स्वीकार करते हुए अदालत ने एजेंसी को तीन दिन के भीतर लाई-डिटेक्टर परीक्षण कराने का निर्देश दिया।
फिलहाल पंजाब सशस्त्र पुलिस की 75वीं बटालियन में सहायक कमांडेंट के तौर पर पदस्थ सलविंदर को एक-दो जनवरी को आतंकवादी हमले से कुछ दिन पहले ही गुरदासपुर के पुलिस अधीक्षक (मुख्यालय) पद से स्थानांतरित किया गया था और अनुशासनहीनता के आरोप लगे थे।
सलविंदर ने कहा था कि 31 दिसंबर और एक जनवरी की दरमियानी रात को पठानकोट वायु सेना स्टेशन में घुसने से पहले आतंकवादियों ने उनकी कार का अपहरण कर लिया था। उन्होंने दावा किया था कि आतंकवादियों ने उनका अपहरण कर लिया था और बाद में छोड़ दिया क्योंकि वे उन्हें पहचाने नहीं थे।
सलविंदर पर लाई-डिटेक्टर टेस्ट करने के लिए एनआईए को मिली इजाजत
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