पटना. राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद जिला राजद के विवाद सलटाएंगे। राजद के 10 संगठनात्मक जिलों में चुनाव नहीं हो पाया है। कहीं जिला संगठनों पर वर्चस्व की लड़ाई है तो कहीं चुनाव कागजों में सिमटाने का प्रयास किया गया। कुछ जगह तो जिला अध्यक्ष का चुनाव करने के लिए लालू प्रसाद को ही अधिकृत कर दिया गया है।
पंचायत से लेकर ऊपर तक संगठन का चुनाव लोकतांत्रिक ढंग से संपन्न कराने के लिए इस बार लालू प्रसाद भी अड़े हुए हैं। उन्होंने संगठन चुनाव कराने के उत्तरदायी नेताओं को स्पष्ट कर दिया है कि वे विवादित सभी जिलों में चुनाव भली-भांति संपन्न कराएं। इस बार मनोनीत करने वाली व्यवस्था नहीं चलेगी। पंचायत और प्रखंड के पार्टी नेता जिसे पसंद कर रहे हैं, उन्हें ही जिला राजद की कमान सौंपी जाए। इस काम में बाधा आ रही है तो विवाद वाले दोनों पक्षों के मुख्य नेताओं को पटना बुलाया जाए और उन्हें पार्टी की नीति और आगे के कार्यक्रमों को समझाते हुए साथ-साथ काम करने की नसीहत दी जाए। इसमें यह भी देखा जाए कि बीते विधानसभा चुनाव में किसकी निष्ठा अधिक से अधिक महागठबंधन के उम्मीदवार के प्रति रही है।

17 जनवरी को पटना में राजद के राष्ट्रीय अधिवेशन में राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद पर लालू प्रसाद का चुनाव होना है। चुनाव संपन्न हो जाने के बाद इन विवादित जिलों में चुनाव प्रक्रिया पूरी कर नए जिलाध्यक्ष बनाए जाएंगे। वैसे इन विवादित जिलों के दोनों पक्षों के नेता प्रदेश अध्यक्ष डाॅ. रामचंद्र पूर्वे और राज्य निर्वाचन अधिकारी डाॅ. तनवीर हसन से लगातार मिल अपना पक्ष रख रहे हैं। कुछ सीधे 10 सर्कुलर रोड लालू प्रसाद के समक्ष भी अपनी बात रखने की कोशिश भी कर रहे हैं।