हैदराबाद: मजलिस इत्तेहादुल मुसलमीन (एमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने गुरुवार को कहा कि वह आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) की धमकियों से डरने वाले नहीं हैं. वह इस संगठन के खिलाफ बोलते रहेंगे क्योंकि इसका इस्लाम से कोई लेना-देना नहीं है.

ओवैसी के ट्विटर पेज पर किसी ने लिखा है कि वह अपना मुंह बंद रखें और लोकतंत्र को छोड़ दें. ओवैसी ने कोई सुरक्षा नहीं ली हुई है. उन्होंने कहा कि इन धमकियों की वजह से वह सुरक्षा नहीं लेंगे.

उन्होंने कहा, “ऐसी धमकियां मुझे रोज मिलती हैं. मैं तब तक जीवित रहूंगा जब तक अल्लाह चाहेगा.” ओवैसी ने कहा कि आईएस की विचारधारा शैतानी है और नफरत पर आधारित है. उन्होंने कहा कि इस विचारधारा को पूरी तरह से खत्म करने की जरूरत है.

ओवैसी ने कहा, “वे (आईएस) रहम नहीं जानते. वह रहम का मतलब तक नहीं जानते. उन्होंने डेढ़ लाख मुसलमानों को मार डाला है जिनमें विद्वान भी शामिल हैं.” उन्होंने कहा कि भारत और विदेश के तमाम इस्लामी विद्वानों ने आईएस की कार्रवाईयों की निंदा की है. उन्होंने लोगों से सावधान रहने को कहा.

हैदराबाद के सांसद ने कहा कि एमआईएम का यह राजनैतिक पक्ष है कि यह सभी राष्ट्र विरोधी ताकतों के खिलाफ है. एक कथित आईएस समर्थक ने ट्वीट किया था, “अगर आप सच नहीं जानते तो आपके लिए बेहतर है कि आप इस्लामिक स्टेट के मामले में अपना मुंह बंद रखें. इस्लामिक स्टेट जल्द ही भारत पर हमला करेगा.”

इस पर ओवैसी ने जवाब दिया, “सर, आप एक भयावह तकफीरी हैं. अगर आप बुरे आईएसआईएस के बारे में बहस करना चाहते हैं तो मैं तैयार हूं. आप मेरे धार्मिक तर्को की काट नहीं पेश कर सकेंगे.” ओवैसी ने लिखा, “आप सपने देखना चाहते हैं तो देखते रहिए. अल्लाह आपको अंधेरे से बाहर आने की तौफीक दे.”

इसके बाद आईएस समर्थक ने ट्वीट किया और ओवैसी से लोकतंत्र छोड़ने के लिए कहा. उसने लिखा, “आप भारत के मुसलमानों के लिए शर्म की वजह हैं. इस्लामिक स्टेट का विरोध आपको जहन्नुम में पहुंचा देगा. अंत आने से पहले तौबा कर लीजिए.”

ओवैसी ने संवाददाताओं से कहा कि इससे खुद ही साफ हो जाता है कि आईएस की सोच शैतानी है. उन्होंने कहा, “किसी को जन्नत या जहन्नुम भेजने की ताकत सिर्फ अल्लाह के पास है. यह किसी इनसान के बस की बात नहीं है.”