फिल्म स्टार अक्षय कुमार ने पठानकोट आतंकी हमले पर बोलते हुए सरकार को नसीहत दी है कि अगर पाक समर्थित आतंकवाद को जड़ से खत्म करना है तो उसके लिए बड़ा कदम उठाना होगा. फिर चाहे इसके लिए आतंकवादियों के गढ़ में घुस कर उन्हें नेस्तनाबूद ही क्यों न करना पड़े.

कई फिल्मों में सैनिक और आर्मी ऑफिसर का किरदार निभा चुके अक्षय ने कहा कि पठानकोट आतंकवादी हमले में जवानों के शहीद होने का उन्हें बेहद दुख हुआ है. ऐसे में सरकार और फौज के लिए उनका मश्वरा यही है कि इससे पहले कि वो भारतीय सीमाओं के अंदर हमले करें, आतंकवादियों को पहचान कर उनके ठिकाने तक पहुंच कर वहीं खत्म कर देना चाहिए.

हालांकि अक्षय ने ये साफ नहीं किया कि इससे उनका मतलब पाकिस्तान में मौजूद आतंकी ठिकानों तक पहुंच कर सीधे कार्रवाई करना है या नहीं. उनके इस बयान को खासतौर पर दुश्मन देश में घुस कर कार्रवाई करने की नसीहत माना जा रहा है क्योंकि कुछ ही महीनों पहले आई उनकी फिल्म 'बेबी' में उनका किरदार कुछ इसी तरह एक आतंकवादी को हिंदुस्तान तक जिंदा लाने में कामयाब हुआ था.

एक ही फॉर्मूला हो सकता है कि भैया अंदर घुस कर मारो
बड़े दुख की बात है जो कुछ हुआ. आज सुबह ही मैं अखबार पढ़ रहा था. एक सि‍पाही के बारे में पढ़ रहा था कि कैसे उसने एक आतंकवादी को निहत्थे ही पकड़ा और उसका एके-47 लेके उसी पर वार करके उसे मारा. लेकिन पीछे से एक और आतंकवादी ने उसे गोली मार दी. यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि उनकी इतनी जानें चली जाती हैं. मैं देखिए रियल हीरो तो हूं नहीं. मैं एक रील हीरो हूं. अपनी तरफ से जितनी भी कोशिश कर सकता हूं करूंगा, 'बेबी', 'हॉलिडे', 'गब्बर' जैसी फिल्में करके. मैं दिखाना चाहता हूं कि हमारी जो फौज है, हमारे जो लोग हैं वो हमारे लिए जान दे देते हैं और उनके परिवार के साथ क्या होता है? तो इसका कोई फिक्स्ड फॉर्मूला नहीं है. इसका एक ही फॉर्मूला हो सकता है कि भय्या अंदर घुस कर मारो. और कुछ नहीं.'
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आतंकी हमले को पीएम के पाकिस्तान दौरे से जोड़कर ना देखा जाए
अक्षय ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री पाकिस्तान से बातचीत कर अपनी तरफ से मामले को सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं और हर घटना को प्रधानमंत्री के पाकिस्तान दौरे से जोड़कर नहीं देखना चाहिए, क्योंकि आतंकवादियों का मंसूबा दरअसल इसी कोशिश को पटरी से उतारने का है. अक्षय ने यह बात लखनऊ में बैडमिंटन प्रीमियर लीग के प्रमोशन के दौरान कही