मुजफ्फरपुर। नेपाल सरकार ने संविधान संशोधन का जो प्रस्ताव लाया है, वह मधेसियों की मांग के अनुरूप नहीं है। यह दुनिया की आंखों में धूल झोंकने वाला है। नेपाल के संविधान संशोधन को खारिज करते हुए शनिवार से रक्सौल के बाद अब विराटनगर बॉर्डर पर भी पूर्ण नाकेबंदी करेंगे।
ये बातें शुक्रवार को नेपाल सद्भावना पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व लोकतांत्रिक मोर्चा के प्रमुख नेता राजेन्द्र महतो ने कहीं। मुजफ्फरपुर पहुंचे महतो ने कहा कि अब मधेसी हक की अंतिम लड़ाई लड़ने के लिए करो या मरो की स्थिति में हैं। हम चाहते हैं कि नेपाल में मधेसियों के खिलाफ जो कुछ भी हो रहा है उसमें देश-दुनिया के प्रमुख नेता दखल दें। चूंकि, भारत व नेपाल में रोटी-बेटी का संबंध है। इस वजह से भारत से ज्यादा उम्मीद बनती है। कहा कि ओली व प्रचंड जैसे नेपाली नेताओं ने अपने हिसाब से संविधान बनाया। इसमें मधेसियों व अन्य जनजातियों की उपेक्षा की गई है। यह प्रस्ताव कतई मंजूर नहीं है।]
नेपाल सरकार का प्रस्ताव है कि तीन माह में प्रदेश का सीमांकन करेंगे। लेकिन, हमारी मांग है कि जब तक प्रदेश का सीमांकन नहीं होगा कोई बातचीत नहीं होगी। उनका एक प्रस्ताव संसद में प्रतिनिधित्व का भी है। यह भी मधेसियों की मांग के अनुरूप नहीं है। रक्सौल बॉर्डर पर नाकेबंदी की वजह से विराटनगर बॉर्डर से नेपाल में ट्रक व अन्य वाहनों से माल पहुंच रहे हैं। अब विराटनगर बॉर्डर को भी सील करने का निर्णय लिया गया है। शनिवार से वे खुद विराटनगर बॉर्डर पर पूर्ण नाकेबंदी का नेतृत्व करेंगे।
नेपाल सद्भावना पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व लोकतांत्रिक मोर्चा के प्रमुख नेता राजेन्द्र महतो ने कहा-आंदोलनकारियों को झांसा देने वाला है सरकार का प्रस्ताव।
आज से विराटनगर बॉर्डर को भी करेंगे सील, मधेसी ने मुजफ्फरपुर में किया ऐलान
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