भोपाल। व्यापमं घोटाले के आरोपी और पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा ने कहा कि उनसे व्यापमं के लिए न तो कभी आरएसएस प्रमुख रहे के सुदर्शन ने कोई सिफारिश की और न ही सुरेश सोनी ने। आरएसएस का नाम इसमें जोड़े जाने की जांच होना चाहिए।

आज शाम को भोपाल में लक्ष्‍मीकांत शर्मा ने पत्रकारों से चर्चा के दौरान कहा कि व्यापमं का एक रुपया उन्होंने नहीं लिया है। एक कार्यक्रम में जरूर उन्होंने व्यापम की एक प्याला चाय पी थी, इससे ज्यादा उन्होंने कभी व्यापम का कुछ नहीं लिया। शर्मा ने कहा कि आरएसएस का व्यापम घोटाले से जोड़ा जाना सरासर गलत है और इसकी जांच होना चाहिए।

शर्मा ने के सुदर्शन के बारे में कहा कि उन्होंने उनसे केवल दो बार सिफारिश की थी जिसमें से एक हिंदी विश्वविद्यालय की स्थापना की थी तो दूसरी एक बार प्रदेश में पड़े सूखे के दौरान बारिश के लिए परजन्य यज्ञ कराने के लिए सोलापुर के एक पंडितजी का नाम सुझाया था। इन दोनों सिफारिशों के अलावा सुदर्शन कभी भी कोई तीसरी सिफारिश उनसे नहीं की थी। आरएसएस से जुड़े सुरेश सोनी के लिए भी शर्मा यही कुछ कहा कि उन्होंने तो कभी भी कोई सिफारिश नहीं की थी।

जब शर्मा से पूछा गया कि क्या उनकी बीजेपी में वापसी के लिए नेताओं से बातचीत हुई है तो उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने उनकी वापसी की मांग की है, वे उनका धन्यवाद देते हैं लेकिन फिलहाल उनकी न तो किसी से बात हुई है और न ही इसके लिए उनके पास कोई फोन आया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी जमानत पर रिहाई के बाद से कोई फोन नहीं किया है।