पूर्व भाजपा नेता और वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी वित्त मंत्री अरुण जेटली की ओर से दायर मानहानि के मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के अन्य नेताओं की पैरवी करेंगे.

17 साल की उम्र में क़ानून की डिग्री हासिल करने वाले जेठमलानी यूं तो देश के सबसे महंगे वकीलों में से हैं, लेकिन उनका दावा रहा है कि वो 90 फ़ीसदी मामले बिना फ़ीस के लड़ते हैं.

राम जेठमलानी सबसे पहले 1959 के केएम नानावटी बनाम महाराष्ट्र सरकार मामले से चर्चा में आए थे.

कुछ ऐसे ही हाईप्रोफ़ाइल मामलों पर एक नज़र जिनमें उन्होंने अभियुक्तों का बचाव किया है:

जेठमलानी इंदिरा गांधी की हत्या के मामले में उनके हत्यारे केहर सिंह और सतवंत सिंह और राजीव गांधी की हत्या के मामले में दोषी मुरुगन के लिए अदालत में पेश हुए थे.

उन्होंने स्टॉक मार्केट घोटाले में हर्षद मेहता का बचाव किया. बाद में ऐसे ही घोटाले में केतन पारेख का बचाव किया.

वो अंडरवर्ल्ड डॉन हाजी मस्तान की भी पैरवी कर चुके हैं.

हवाला कांड में राम जेठमलानी वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी के वकील थे.

दिल्ली के बेहद चर्चित जेसिका लाल हत्याकांड मामले में वे अभियुक्त मनु शर्मा के वकील थे.

सोहराबुद्दीन फ़र्ज़ी मुठभेढ़ मामले में उन्होंने मौजूदा भाजपा अध्यक्ष अमित शाह का केस लड़ा.

2जी घोटाला मामले में वे डीएमके की नेता कनिमोझी के वकील हैं.

राम जेठमलानी कथित बलात्कार मामले में गिरफ़्तार बापू आसाराम के भी वकील रह चुके हैं. हालांकि बाद में एक और भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी आसाराम का केस लड़ रहे हैं.

आय से अधिक संपत्ति मामले में वो तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता के वकील थे.

अवैध खनन मामले में उन्होंने कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येद्दयुरप्पा का भी बचाव किया था.

राम जेठमलानी भारतीय जनता पार्टी में थे और बिहार से राज्य सभा के लिए चुने गए, लेकिन उनके बाग़ी तेवरों के बाद पार्टी ने उन्हें बाहर कर दिया है.

उन्होंने बिहार चुनाव के दौरान कहा था वो इस चुनाव में मोदी की हार देखना चाहते हैं.