नई दिल्ली: पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री और कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने आज कहा कि वह वित्त मंत्री अरुण जेटली की इस बात से सहमति जताई कि एक दोषपूर्ण GST लागू करने से बेहतर होगा कि GST विधेयक देर से ही पारित हो। साथ में उन्होंने यह भी कहा कि मौजूदा विधेयक दोषपूर्ण है। चिदंबरम ने ट्वीटर पर लिखा है, वित्त मंत्री अरण जेटली से सहमत हूं। एक दोषपूर्ण जीएसटी से बेहतर है इसका देर से लागू होना। मौजूदा जीएसटी विधेयक दोषपूर्ण है।

कल जेटली ने फिक्की की सालाना आम सभा में संकेत दिया था कि वस्तु एवं सेवाकर विधेयक का संसद के शीतकालीन सत्र में पारित होना संभव नहीं लगता और एक दोषपूर्ण विधेयक से बेहतर है कि विधेयक विलंब से आए। कांग्रेस की एक माग है कि जीएसटी दर पर सीमा लगे और इसे संविधान संशोधन विधेयक में शामिल किया जाए। वित्त मंत्री जेटली ने साफ कहा है कि कर की दर को संविधान का हिस्सा नहीं बनाया जा सकता।

कांग्रेस एक राज्य से दूसरे राज्य के लिए भेजी जाने वाली वस्तुओं पर एक प्रतिशत अतिरिक्त जीएसटी लगाने के प्रस्ताव को भी हटाने की मांग कर रही है जिस पर सरकार विचार करने को तैयार दिखती है।

चिदंबरम ने कहा कांग्रेस की तीन भारी आपत्तियों को मान लें तो विधेयक पारित हो सकता है। उन्होंने कहा है कि एक प्रतिशत अतिरिक्त कर का प्रस्ताव यूं भी खत्म हो चुका है। इसको हटा दिया जाए।