नई दिल्ली । जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनावों को देखते हुए केंद्र सरकार ने कश्मीरी पंडितों की घर वापसी की कोशिशें तेज कर दी है। इस सिलसिले में गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने राज्य सरकार को कश्मीरी पंडितों को बसाने के लिए जमीन की ढूंढने को कहा है। वित्तमंत्री अरुण जेटली पहले ही इसके लिए बजट में 500 करोड़ रुपये का प्रावधान कर चुके हैं।

राजनाथ सिंह ने राज्य के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को पत्र लिखकर कश्मीरी पंडितों की घर वापसी की प्रक्रिया तेज करने को कहा है। इसके लिए सबसे पहले राज्य सरकार को ऐसे स्थान चुनने को कहा गया है, जहां कश्मीरी पंडितों को बसाया जाना है। उन्होंने मुख्यमंत्री को जमीन की तलाश के दौरान कुछ चीजों का ध्यान रखने को कहा है। राजनाथ सिंह के अनुसार कश्मीरी पंडितों का नया घर उनके पुराने घर वाली जगह से दूर नहीं होना चाहिए। ताकि उन्हें अपने मूल स्थान में वापस होने का अनुभव हो सके। लेकिन इसके साथ कश्मीरी पंडितों की सुरक्षा का भी ख्याल रखते हुए ऐसे स्थान को चुनना चाहिए, जो सुरक्षा बलों के ठिकानों के आसपास हो। बिजली, पानी और सड़क की मूलभूत सुंिवधाओं का ख्याल रखा जाना इसमें शामिल है।

गौरतलब है कि 90 के दशक में घाटी से बेदखल कर दिए गए कश्मीरी पंडितों के 65 हजार परिवार पंजीकृत हैं, जो जम्मू और दिल्ली समेत देश के विभिन्न भागों में रह रहे हैं। भाजपा ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में कश्मीरी पंडितों की घर वापसी सुनिश्चित करने का वायदा किया था। मोदी सरकार के पहले बजट में इसके लिए शुरुआती 500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। लेकिन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने साफ कर दिया था कि इसके लिए धन की कमी नहीं होने दी जाएगी।