पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के कार्यालय में सीबीआइ की छापेमारी पर घोर आश्चर्य प्रकट किया है. उन्होंने कहा कि जितनी भी अब तक कि केंद्र और राज्य सरकारों के बीच मर्यादायें है, वह भंग हो गयी है. यह विचित्र बात है, सहसा यकीन नहीं होता है.  मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी व्यक्ति के बारे में कोई आरोप है, जांच पड़ताल हो रही है तो जांच होनी चाहिए. लेकिन, अगर कहीं मुख्यमंत्री कार्यालय तक आप जा रहे हैं तो उसके लिये क्या मुख्यमंत्री को पूर्व सूचना थी, जानकारी थी ?

उन्होंने कहा कि किसी चीज की जानकारी न होना और जो भी मामले हैं, क्या वे मामले अभी के पद को धारण करने से संबंधित है. उन्होंने कहा कि अगर पूर्व के मामले हैं तो और भी विचित्र बात है. उसके तो बहुत सारे तरीके हो सकते हैं. सीएम ने कहा, यह बिल्कुल सहसा यकीन नहीं होता है और घोर आश्चर्य का विषय है. लोकतंत्र में हमारा जो संघीय ढ़ांचा है, वो परस्पर विश्वास एवं एक दूसरे के इज्जत पर निर्भर करता है. इसलिये ऐसी चीजों के बारे में कोई भी कदम उठाने के पहले सारे चीजों को गौर करना चाहिए. ऐसा करने के पीछे अगर किसी पर आरोप है तो उसकी जांच नहीं हो.

नीतीश कुमार ने कहा कि मैं इसकी वकालत नहीं कर सकता हूं. जांच तरीके से होनी चाहिए. उसमें किसी प्रकार की बाधा भी नहीं आनी चाहिए. लेकिन किसी भी चीज को करने का कोई तरीका हो. मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर कोई मामला पहले का हो, उससे आज की स्थिति से कोई रिश्ता न हो तो आखिर इसका मैसेज क्या जाता है. उन्होंने कहा कि इसका मैसेज बहुत ही लोकतांत्रिक एवं संघीय व्यवस्था के लिये खतरनाक है. इसलिये इन सब पहलुओं पर गौर किया जाना चाहिए. यह एक ऐसी विचित्र स्थिति है कि इसका तो कोई समर्थन कर ही नहीं सकता है.