नई दिल्ली : आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने समाज से गुजरात के सोमनाथ स्थित मंदिर की तरह ही भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए तैयार रहने को कहा।

बहरहाल, उनके इस आह्वान को ठुकराते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि भाजपा राजनीतिक उद्देश्यों के लिए इस मुद्दे को ‘जिंदा’ रखना चाहती है। भागवत ने कल कोलकाता में उम्मीद जताई थी कि उनके जीवन काल में ही अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हो जाएगा। आज इस मुद्दे पर भागवत को उद्धृत करते हुए आरएसएस की ओर से कई ट्वीट किए गए।

एक ट्वीट में भागवत ने कहा कि सोमनाथ मंदिर तत्कालीन गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल के प्रयासों से पुन:निर्मित किया गया और तत्कालीन राष्ट्रपति ने उसकी आधारशिला रखी थी। आरएसएस प्रमुख ने कहा ‘भारत धर्म और संस्कृति के संबंध में समृद्ध है। राम हमारे आदर्श हैं जिन्हें कुछ लोग भगवान और कुछ लोग महापुरूष मानते हैं। समाज को राम तथा शरद कोठारी से प्रेरणा लेते हुए उठना चाहिए और सोमनाथ की तरह भव्य राम मंदिर के निर्माण के लिए तैयार रहना चाहिए।’

राम और शरद कोठारी आरएसएस के उन कार्यकर्ताओं में से थे जो 1990 में ‘कारसेवकों’ पर पुलिस की गोलीबारी में तब मारे गए थे जब उन्होंने अयोध्या में विवादित मंदिर स्थल की ओर जाने की कोशिश की थी। भागवत ने कोलकाता में कथित तौर पर कहा था, ‘व्यापक लक्ष्य शायद हमारे अपने समय में हकीकत में बदल जाए। शायद हम इसे अपनी आंखों से देख सकें।’ भाजपा ने भागवत की टिप्पणी पर कहा कि उसे निश्चित तौर पर विश्वास है कि राम मंदिर कभी न कभी बनेगा ।

पटना में नीतीश कुमार ने भागवत की टिप्पणी को लेकर आरएसएस और भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि भगवा दल की दिलचस्पी राजनीतिक उद्देश्यों के लिए इस मुद्दे को ‘जिंदा’ रखने की है। कुमार ने संवाददाताओं से कहा, ‘भाजपा सिर्फ राम मंदिर मुद्दे को जिंदा रखना चाहती है। भगवान राम के लिए उनके मन में कोई सम्मान नहीं है। वे भगवान राम को ऐसा समझते हैं मानों ईश्वर भाजपा का एक सदस्य है।’