बिहार। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को यहां अपनी चुनावी सभाओं में कहा कि उन्हें जनता से मिले प्यार को विरोधी पचा नहीं पा रहे हैं, यही कारण है कि वे लोग उन्हें गाली देने लगे हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा "बाहरी" कहे जाने पर भी मोदी ने उन्हें आडे हाथों लिया और कहा कि क्या प्रधानमंत्री भी देश में बाहरी होता है?

मोदी ने मुजफ्फरपुर और गोपालगंज के दानापुर में अलग-अलग चुनावी सभाओं को संबोधित किया और नीतीश के "बिहारी" बनाम "बाहरी" के मुद्दे पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, वे बिहारी और बाहरी की बात करते हैं। मैं भारत का प्रधानमंत्री हूं, बिहार क्या हिन्दुस्तान से बाहर है। मैडम सोनिया तो दिल्ली में रहती हैं। क्या उन्हें भी आप बाहरी कहते हैं। जनता को विकास का जवाब देने की ताकत नहीं है, इसलिए इस प्रकार के खेल खेले जा रहे हैं।

मोदी ने एक बार फिर आरक्षण मुद्दे पर नीतीश पर हमला किया, नीतीश कुमार ने 24 अगस्त, 2005 को ही अपना इरादा साफ कर दिया था। लेकिन जब मैंने आरोप लगाया कि वह अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछडे और अति पिछड़ों के आरक्षण कोटा में से पांच प्रतिशत एक समुदाय विशेष को दे देंगे तो वह अपना आपा खो बैठे। भारतीय संविधान के निर्माता भी धर्म के आधार पर आरक्षण के खिलाफ थे।

उन्होंने एक कागज लहराते हुए कहा, मेरे पास दस्तावेज हैं कि अगस्त, 2005 को संसद में उन्होंने (नीतीश) क्या कहा था। मैं उन्हें चुनौती देता हूं कि अगर उनमें हिम्मत है तो इसका जवाब दें। वह इतने बड़े झूठ बोलते हैं और घटिया बातों में शामिल होते हैं। यह खेल ज्यादा दिन नहीं चलेगा।

उन्होंने नीतीश कुमार के "पुराने दिन लौटाने" के बयान पर तंज कसते हुए कहा कि नीतीश को कुर्सी के लिए पुराने दिन भले चाहिए, परंतु बिहार की जनता उन पुराने दिनों को नहीं चाहती, जिसमें "जंगलराज" था। लालू पर परिवारवाद का आरोप लगाते हुए मोदी ने कहा कि लालू प्रसाद भ्रष्टाचार में जेल जाने वाले हैं, यही कारण है कि वह अपने बेटों को तैयार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि लालू जब एकबार जेल गए थे, तब अपनी पत्नी को कुर्सी देकर गए थे।

मोदी ने नीतीश पर बिहारियों का अपमान करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि नीतीश अब कहते हैं कि मोदी की रैली में लोगों को पैसा देकर लाया जा रहा है। ऎसे में बिहारी यह बात सहन नहीं करेंगे। मोदी ने कहा, नीतीश बाबू, बिहारियों को बिकाऊ कह कर अपमान करना आप पर भारी पड़ेगा।

मोदी ने कहा, गोपालगंज लालू प्रसाद का गृह जनपद है। गोपालगंज को क्या मिला? लालू के "जंगलराज" के समय इसको "मिनी चंबल" बना दिया था। यहां रेलवे स्टेशन पर खुलेआम गोलियां चलती थीं। अपहरण का उद्योग चलता था। गोपालगंज का नौजवान जो सम्मान से जीना चाहता था, उसे गोपालगंज छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा। नौजवानों का सर्वाधिक पलायन सीवान और गोलापगंज से हुआ है।

उन्होंने कहा, मैं बिहार से भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद खत्म कर दूंगा। दिल्ली भ्रष्टाचार के लिए बदनाम थी। रोज करोड़ों के घपले की खबर आती थी। आप मुझे बिहार की सेवा करने का मौका दीजिए, मुझे ये लूटपाट बंद करवानी है। मोदी ने सत्ताधारी महागठबंधन को महास्वार्थबंधन बताते हुए कहा कि राजग की रैली जब सफल होती है तो उनकी (लालू और नीतीश) भाषा का स्तर नीचे गिर जाता है। राजग की रैली की सफलता का पैमाना उनके भाषा के स्तर से लगाया जाने लगा है।

उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि जिन्होंने 35 साल बिहार पर राज किया है, वे चुनाव में ऎसी भाषा का इस्तेमाल क्यों कर रहे हैं?