नई दिल्ली। वैश्विक संकेतो के चलते भारतीय शेयर बाजारों में हफ्ते के दूसरे कारोबारी दिन मंगलवार को गिरावट दर्ज की गई और बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स 109 अंक टूट कर करीब दो सप्ताह के निम्न स्तर 27,253.44 अंक पर बंद हुआ। फार्मा क्षेत्र की प्रमुख कंपनी ल्युपिन के दूसरी तिमाही परिणाम निराशाजनक आने के बाद इसके शेयरों में बिकवाली का जोर रहा। इसके अलावा अमेरिका के फेडरल रिजर्व की बैठक से पहले वैश्विक संकेतक भी कमजोर रहे।
बंबई शेयर बाजार का 30 शेयरों पर आधारित सेंसेक्स मंगलवार को कारोबार की शुरुआत में 27,291.06 अंक पर खुला और पूरे दिन यह गिरावट में रहते हुये 27,209.52 अंक तक नीचे गया। समाप्ति पर यह 108.52 अंक यानी 0.40 फीसदी की गिरावट के साथ 27,253.44 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स में शामिल 30 शेयरों में से 17 में गिरावट रही। इसी प्रकार नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी आज 24.05 अंक यानी 0.30 फीसदी गिरकर 8,235.40 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान यह 8,241.95 और 8,217.05 अंक के बीच घटता-बढ़ता रहा। ल्युपिन का दूसरी तिमाही मुनाफा 35.11 फीसदी गिरकर 408.80 करोड़ रुपये रह गया।
इससे कंपनी का शेयर पांच प्रतिशत लुढक़कर बंद हुआ। हालांकि, मारुति सुजूकी का दूसरी तिमाही मुनाफा 42 फीसदी बढऩे से इसके शेयर में बढ़त दर्ज की गई। सेंसेक्स में कल भी इतने ही अंक की गिरावट दर्ज की गई थी। कल भारती एयरटेल और एचडीएफसी लिमिटेड के दूसरी तिमाही परिणाम कमजोर रहने से गिरावट का रुख रहा। शेयर ब्रोकर ने कहा अक्तूबर माह के वायदा एवं विकल्प सौदों की समाप्ति नजदीक आने से भी धारणा प्रभावित हुई है। इसके अलावा फेडरल रिजर्व की मंगलवार से शुरू होने वाली दो दिवसीय बैठक को देखते हुये भी कारोबारियों ने भारी खरीद-फरोख्त से अलग रहना बेहतर समझा।