जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने नगर निगम जबलपुर से पूछा है कि सड़क किनारे और इमारतों में लगे होर्डिंग्स में प्रमुख सचिव नगरीय प्रशासन के आदेश का पालन हो रहा है या नहीं। जस्टिस अजित सिंह और जस्टिस एसके गुप्ता की खंडपीठ ने नगर निगम को इस मामले में हलफनामा पेश करने के निर्देश दिए हैं। मामले की अगली सुनवाई 29 सितंबर को होगी।
कोर्ट ने पूछा है कि नियम विरूद्ध लगे होर्डिंग्स को हटाने की क्या कार्रवाई की। मामले पर शुक्रवार को सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि पूर्व में नगर निगम द्वारा प्रस्तुत हलफनामा झूठा है और उसमें अदालत को गुमराह करने की कोशिश की गई है। याचिकाकर्ता ने बताया कि अभी भी शहर में बहुत से होर्डिंग्स ऎसे लगे हैं जिसमें नियमों को खुले आम उल्लंघन किया गया है। सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का पालन नहीं हो रहा है।
ये है मामला
सतीश वर्मा ने जनहित याचिका दायर कर बताया था कि नगर निगम द्वारा सड़क किनारे, भवनों और फुटपाथों पर होर्डिंग्स लगवाए जाते हैं। इससे राहगीरों का ध्यान भंग होता है और दुर्घटनाएं होती हैं। यातायात भी अवरूद्ध होता है। ये होर्डिंग्स मोटर वीकल एक्ट की धारा 116 (4) का उल्लंघन है। इसके अलावा इंडियन रोड कांग्रेस की गाइडलाइन भी ऎसे होर्डिंग्स की इजाजत नहीं देती। याचिका में बताया गया कि कई आंधी तूफान में ये होर्डिंग्स गिर जाते हैं और जानलेवा साबित होते हैं। वर्मा ने बताया कि जबलपुर में शास्त्री ब्रिज के पहले फुट ओवर ब्रिज बनाया गया, जिसका उपयोग केवल होर्डिंग्स लगाने किया जा रहा है। इसमें सड़क के बीचोंबीच होर्डिंग्स लगे हैं।