व्‍यावसायिक परीक्षा मंडल यानि व्‍यापमं पीएमटी फर्जीवाड़े के आरोपी अरबिन्दो मेडिकल कॉलेज इंदौर के संचालक डॉ.विनोद भंडारी को सुप्रीम कोर्ट से कुछ शर्तों पर जमानत मिल गई है। डीमैट परीक्षा फर्जीवाड़े की आरोपी डॉक्‍टर ऋचा जौहरी को भी अंतरिम जमानत दी गई है।

सुप्रीम कोर्ट में चल रहे चार मामलों में व्‍यापमं के एक मामले में आरोपी गुलाब किरार का मामला भी शामिल है। किरार फिलहाल फरार चल रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई से किरार की स्थिति के मामले में 15 दिन में रिपोर्ट मांगी है।वहीं एक अन्‍य आरोपी विपिन गोयल की जमानत की अर्जी खारिज कर दी गई है।

उल्‍लेखनीय है कि इससे पहले एकाधिक बार मध्‍यप्रदेश हाईकोर्ट ने डॉ.विनोद भंडारी की जमानत अर्जी खारिज कर दी थी। इसकी वजह आरोपी को जमानत दिए जाने की सूरत में व्यापमं फर्जीवाड़े की जांच प्रभावित होने की आशंका जाहिर की गई थी।

एमटी फर्जीवाड़े में एसटीएफ के हत्थे चढ़े डॉ. भंडारी को उनके बेटे महक की शादी में शामिल होने के लिए इंदौर लाया गया था। तब भी उनका ज्यादातर वक्त विजय नगर क्षेत्र स्थित एक होटल में कार्यक्रम में बीता था। एसटीएफ जवान दिनभर वहीं मौजूद थे।जमानत की शर्तों के मुताबिक शादी की रस्में पूरी होने के बाद देर रात उन्हें सेंट्रल जेल भेज दिया गया था। जबलपुर हाईकोर्ट ने डॉ. भंडारी को शर्तो पर 21 से 26 जून तक जमानत पर रिहा किया था।