इंदौर। देअविवि के 28 सिंतबर को होने वाले दीक्षांत समारोह के स्थगित होने के बाद आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है, लेकिन समारोह स्थगित होने की बड़ी वजह एनएसयूआई का राज्यपाल के खिलाफ बड़े विरोध प्रदर्शन की तैयारी और प्रशासन का व्यस्त होना है।
दरअसल कुछ ही दिनों पहले बरकतउल्ला यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में एनएसयूआई ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया था। राज्यपाल रामनरेश यादव भी मंच पर रो पड़े थे। एनएसयूआई को अपने वरिष्ठ नेताओं से निर्देश मिले हैं कि राज्यपाल जहां भी जाएं, वहां जमकर विरोध करो। देअविवि के दीक्षांत समारोह में भी ऐसी ही योजना थी। उधर प्रशासन और पुलिस के अधिकारी अनंत चतुर्दशी चल समारोह में व्यस्त थे। ऐसे में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम होना संभव नहीं था।
विवि ने अपनी तरफ से सुझाया नहीं
दीक्षांत समारोह की तारीख राजभवन से आई थी। अनंत चतुर्दशी के अगले दिन शहर में स्थानीय अवकाश होता है। राजभवन को भले ही इसकी जानकारी न हो लेकिन विवि अधिकारियों को तो यह पता था।। विवि के अधिकारी राजभवन से तारीख मिलने के बाद उनसे चर्चा करते तो तारीख में बदलाव हो सकता था, लेकिन राजभवन से चर्चा करने की बजाय विवि अधिकारी आमंत्रण पत्र बांटने में व्यस्त रहे।
20 अक्टूबर के पहले संभव
समारोह के लिए राजभवन ने दो सप्ताह बाद नई तारीख घोषित करने की बात कही है। 13 से 17 अक्टूबर के बीच किसी एक दिन समारोह हो सकता है। 22 को दशहरा है। इसके पहले ही छुटिटयां शुरू हो जाएंगी। इसलिए 20 के पहले समारोह हो सकता है।
तीन-चार दिन पहले ही भेजा पत्र
विवि ने वेबसाइट पर तो दीक्षांत समारोह का शेड्यूल काफी पहले जारी कर दिया था लेकिन प्रशासन को तीन-चार दिन पहले ही आधिकारिक सूचना दी गई। कुछ दिन पहले सूचना दी जाती तो पहले ही निर्णय हो जाता और बाहर से आने वाले विद्यार्थियों को चक्कर नहीं लगाना पड़ते। समारोह की एक रिहर्सल हो चुकी थी और दूसरी होने वाली थी।
एनएसयूआई के विरोध की तैयारी के कारण रद्द हुआ राज्यपाल का आना
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