सरकार ने मुद्रा योजना के तहत मौजूदा वित्त वर्ष के अंत तक सूक्ष्म व छोटे कारोबारियों को 1.22 लाख करोड़ रुपये का कर्ज बांटने का लक्ष्य रखा है. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने एक कार्यक्रम में यह जानकारी दी. जेटली ने यहां पीएनबी के एक कार्यक्रम में मुद्रा योजना के तहत रिण अभियान की शुरुआत करते हुये कहा कि इस योजना के तहत अब तक 37 लाख छोटे उद्यमियों को 24,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं.
उन्होंने कहा, मुद्रा योजना के तहत उन कारोबारी क्षेत्रों को कर्ज उपलब्ध कराया जायेगा जो कि अब तक इस सुविधा से वंचित रहे हैं. मुद्रा योजना की शुरुआत छोटे व्यवसायियों को उनकी जरूरतों के हिसाब से कर्ज उपलब्ध कराने के लिये की गई है. जेटली ने कहा कर्ज दिलवाने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं ताकि वे कोई नया काम कर नये रोजगार सृजित कर सकें.
पंजाब नेशनल बैंक द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में वित्त मंत्री ने कुछ उद्यमियों को रिण स्वीकृति पत्र भी जारी किए. उन्होंने कहा कि सरकार मार्च 2016 तक मुद्रा के तहत 1.25-1.75 करोड़ छोटे उद्यमियों को मुद्रा के तहत 1.22 लाख करोड़ रुपये रिण उपलब्ध कराने का लक्ष्य लेकर चल रही है. उन्होंने कहा, इन गरीब लोगों को कर्ज लेते समय न तो कोई गारंटी देनी होगी और न ही किसी तरह की जमानत. हम उन्हें यह सुविधा दे रहे हैं.
मुद्रा की स्थापना सिडबी की अनुषंगी के रूप में 5000 करोड़ रुपये के शुरुआती कोष के साथ की गई है. इस कोष के जरिये प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत कर्ज देने वाले बैंकों को पुनर्वित सुविधा उपलब्ध कराई जायेगी. इस योजना के तहत तीन श्रेणियों में कर्ज दिया जायेगा शिशु श्रेणी में 50 हजार रुपये तक, किशोर 50 हजार से पांच लाख रुपये तक और तरुण श्रेणी के तहत पांच से दस लाख रुपये तक का कर्ज दिया जायेगा.
मुद्रा योजना के तहत सरकार मार्च तक 1.22 लाख करोड़ रुपये का कर्ज बांटेगी
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