नई दिल्ली/चंडीगढ़। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मंच साझा न करने की घोषणा केदो दिन बाद ही हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा ने शुक्रवार को मोदी से मुलाकात की। दरअसल, उन्हें बुलाया गया था। बताते हैं कि मोदी ने उनसे राज्य के विषयों पर बातचीत की। कैथल में प्रधानमंत्री के साथ सरकारी कार्यक्रम में गए हुड्डा की जनता ने हूटिंग की थी। उसके बाद उन्होंने घोषणा कर दी थी कि वह मोदी के साथ मंच पर नहीं जाएंगे। हुड्डा के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चह्वाण ने भी यही किया। यह तब जबकि मोदी टीम इंडिया की बातें करते हैं जिसमें मुख्यमंत्रियों की हिस्सेदारी हो। लिहाजा शुक्रवार को हुड्डा को बुलाया गया था। असर भी दिखा। छोटी-छोटी बातों में प्रेस विज्ञप्ति जारी करने वाले हुड्डा के सलाहकार ने पहले तो चुप्पी साधी लेकिन बाद में स्वीकार किया कि 'स्टेट्समैनशिप दिखाते हुए प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री से राज्य के विषयों पर चर्चा की।'

हालांकि यह बताने में हर कोई असमर्थ था कि चर्चा के बिंदु क्या थे। मुख्यमंत्री हुड्डा ने इसे शिष्टाचार मुलाकात बताते हुए कहा कि वह संघीय व्यवस्था का सम्मान करते हैं। प्रधानमंत्री की कैथल रैली में जब मुख्यमंत्री अपना भाषण देने खड़े हुए तो उनके विरुद्ध हूटिंग की गई। इस पर किसी भाजपा नेता ने न तो खेद जताया और न ही मुख्यमंत्री से बात की। मुख्यमंत्री ने इसे संघीय व्यवस्था का अपमान बताते हुए पानीपत रैली में जवाब देने की बात कही थी।

उन्होंने यहां तक कह दिया था कि वह प्रधानमंत्री के किसी कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे। इस मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री का पद संवैधानिक है और वह पद की गरिमा का सम्मान करते हैं। हुड्डा ने कहा कि मोदी के साथ राज्य के उन मुद्दों पर विचार-विमर्श हुआ, जो केंद्र के अधीन आते हैं।