नई दिल्ली : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उनकी सरकार और केंद्र के बीच मतभेदों के चलते बने अभूतपूर्व हालात को सुलझाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हस्तक्षेप की मांग की और कहा कि वह दिल्ली के विकास के लिए मतभेदों के समाधान के लिए अतिरिक्त प्रयास करने को तैयार हैं।
मोदी को लिखे पत्र में केजरीवाल ने कहा कि दोनों पक्षों के बीच गतिरोध से दिल्ली का विकास प्रभावित हुआ है और इस बात की कोई वजह नजर नहीं आती कि दो सार्थक सरकारें अपने मतभेदों को न सुलझा सकें।
दोनों पक्षों के मतभेदों को लेकर उच्चतम न्यायालय की टिप्पणी का उल्लेख करते हुए केजरीवाल ने पत्र में लिखा कि दिल्ली की जनता के भले को प्रमुखता और थोड़ी खुली सोच रखने से मुद्दों के समाधान तलाशने में मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री के मुताबिक मुद्दों के मित्रवत तरीके से समाधान के लिए उन्होंने व्यक्तिगत रूप से प्रयास किये हैं।
केजरीवाल ने लिखा, ‘मुझे निजी तौर पर ऐसा नहीं लगता कि ऐसा कोई मुद्दा है जिसे दो सार्थक सरकारें दिल्ली की जनता के हित में नहीं सुलझा सकतीं। बस थोड़ी खुली सोच की और दिल्ली की जनता के कल्याण को प्रमुखता देने की जरूरत है।’ उन्होंने कहा, ‘अब जब शीर्ष अदालत ने स्थिति को लेकर अपनी चिंता प्रकट की है तो मैं अनुरोध करंगा कि हमें दिल्ली की जनता के भले के लिए इन मतभेदों को सुलझाना चाहिए। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि मैं इस दिशा में अतिरिक्त प्रयास करने के लिए तैयार हूं।’
केजरीवाल के मुताबिक आप सरकार द्वारा पिछले छह महीने में जारी आदेशों को उपराज्यपाल ने निष्प्रभावी घोषित किया है जो अभूतपूर्व है। दिल्ली सरकार ने सुनिश्चित करने का प्रयास किया है कि केंद्र-राज्य के गतिरोध से दिल्ली की जनता का रोजमर्रा का जीवन प्रभावित नहीं हो।
केंद्र-दिल्ली सरकार मतभेद मसला: केजरीवाल ने PM को लिखा पत्र
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