बीजिंग: मानवरहित अंतरक्षि यान चॉंद पर उतारने और फिर उसे धरती पर लौटाने की अपनी महत्वाकांक्षी योजना के तहत चीन चांग ई-5 चंद्र मिशन के वाहक रॉकेट का परीक्षण करेगा जिसे तियानजिन बंदरगाह से अभ्यास के लिए लाया गया है। चीन अपने चंद्र मिशन को 2017 के आसपास अंजाम देगा।

स्टेट एडमिनिस्ट्रेशन ऑफ साइंस, टेक्नोलॉजी एंड इंडस्ट्री फॉर नेशनल डिफेंस ने कहा कि प्रक्षेपण स्थल पर यह पहला अभ्यास होगा जिसमें वाहक रॉकेट और प्रोब दोनों शामिल होंगे। इसने यह स्पष्ट नहीं किया कि प्रक्षेपण स्थल कौन सा है।‘लॉन्ग मार्च-5’ वाहक रॉकेट का डिजाइन ‘चाइना एकेडमी ऑफ लॉंच व्हीकल टेक्नोलॉजी’ ने ‘चाइना एयरोस्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी कॉरपोरेशन’ के साथ मिलकर तैयार किया है ।

इसके अपनी पहली परीक्षण उड़ान 2016 में होने का कार्यक्रम है। भूस्थतिक स्थानंतरण कक्षा में 14 टन पेलोड ले जाने की क्षमता रखने वाले चीन के इस सबसे बड़े रॉकेट से अंतरिक्ष में प्रवेश की चीन की क्षमता में बहुत इजाफा होगा।

चीन अपने चॉन्ग ई-5 लूनर प्रोब को लॉन्ग मार्च-5 रॉकेट के जरिए 2017 के आसपास प्रक्षेपित करेगा। इससे चीन के त्रिस्तरीय (कक्षा में चक्कर लगाने, उतरने और वापस लौटने) चंद्र खोज कार्यक्रम का अंतिम अध्याय लिखा जा सकेगा। अंतिम चरण में रोवर को चांद पर उतारना और फिर धरती पर इसकी वापसी कराना शामिल है।