नई दिल्ली: भाजपा विरोधी महागठबंधन ने बुधवार को चुनाव आयोग से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रेडियो पर प्रसारित होने वाले ‘मन की बात’ कार्यक्रम पर बिहार चुनाव समाप्त होने तक रोक लगाने की मांग करते हुए आशंका जताई कि वह मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए इसका इस्तेमाल कर सकते हैं लेकिन चुनाव आयोग ने संकेत दिया कि इस पर ‘‘पूर्णत: रोक’’ नहीं लगाई जा सकती।

चुनाव आयोग से मांग
तीन दलों, जनता दल यूनाइटेड (जदयू), राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने प्रधानमंत्री के इस रेडियो कार्यक्रम के प्रसारण पर रोक लगाने की मांग को लेकर चुनाव आयोग के सामने अपनी बात रखी।

भाजपा को अनुचित लाभ
प्रतिनिधिमंडल ने अपने ज्ञापन में कहा, ‘‘प्रधानमंत्री को ‘मन की बात’ कार्यक्रम करने की इजाजत देना भाजपा को पूरी तरह से अनुचित लाभ देना होगा और इससे मतदान प्रक्रिया की निष्पक्षता को बनाए रखने के लिए जरूरी समान अवसर का सिद्धांत प्रभावित होगा।

चुनाव आयोग ने नहीं लिया निर्णय
यद्यपि चुनाव आयोग ने इस याचिका पर अभी कोई निर्णय नहीं किया है, लेकिन आयोग के सूत्रों ने कहा कि कार्यक्रम पर पूर्ण प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता और इस तरह की किसी मांग पर वह तब ही संज्ञान ले सकता है अगर कार्यक्रम की सामग्री आचार संहिता का उल्लंघन करती हो।

आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘कैबिनेट बैठक और मन की बात जैसी चीज पर पूरी तरह प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता, लेकिन चुनाव आयोग तब संज्ञान ले सकता है जब पाया जाए कि कैबिनेट का फैसला या कार्यक्रम की सामग्री चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करती है।’’