
पटना : राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव को मनाने के लिए शुक्रवार को रवाना हुए हैं। सपा ने गुरुवार को बिहार विधानसभा चुनाव के लिए बने भाजपा विरोधी महागठबंधन से नाता तोड़ने का ऐलान किया था।
महागठबंधन के बड़े साझेदारों की ओर से ‘अपमान’ किए जाने की शिकायत करते हुए सपा ने गठबंधन से नाता तोड़ लिया था। सपा की शिकायत थी कि महागठबंधन के बड़े दलों ने सीट बंटवारे के मुद्दे पर उनसे कोई विचार-विमर्श नहीं किया।
सीट बंटवारे के फार्मूले के तहत जदयू को 100, राजद को 98 और कांग्रेस को 40 सीटें दी गई थीं जबकि महज पांच सीटें सपा के लिए छोड़ दी गई थीं, और यही बात सपा को नागवार गुजरी। बिहार विधानसभा में कुल 243 सीटें हैं।
इस बीच, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भरोसा जाहिर किया है कि इस मुद्दे को सुलझा लिया जाएगा और सपा धर्मनिरपेक्ष गठबंधन में लौट आएगी।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि सपा ने धर्मनिरपेक्ष महागठबंधन छोड़ने का फैसला किया।’
नीतीश ने कहा, ‘परसों मेरी बात मुलायम सिंह यादव से हुई थी और मुझे जरा भी आभास नहीं था कि सपा गठजोड़ छोड़ने का फैसला करेगी। (मुलायम के भाई और उत्तर प्रदेश के मंत्री) शिवपाल सिंह यादव को 30 अगस्त को स्वाभिमान रैली में शिरकत के लिए भेजा गया था।’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘सपा की तरफ से अंतिम रूप से अभी कुछ नहीं कहा गया है। जदयू अध्यक्ष शरद यादव ने कल सपा प्रमुख से मुलाकात की और वह आज फिर उनसे मिलेंगे। राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद ने भी सपा प्रमुख से बात की है।’ नीतीश ने यह भी कहा कि ‘हम सब मुलायम सिंह जी की इज्जत करते हैं।’ उन्होंने कहा, ‘हमने पुराने जनता परिवार की बिखरी पार्टियों के विलय के लिए कड़ी मेहनत की थी लेकिन किसी कारणवश इसे पूरा नहीं किया जा सका। लेकिन वह अलग मुद्दा है।’