नई दिल्ली। दिवंगत प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या पर आधारित विवादित फिल्म 'कौम दे हीरे' की रिलीज पर केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने रोक लगा दी है। यह फिल्म आज रिलीज होने वाली थी। इसमें कथित रूप से इंदिरा गांधी के हत्यारों को हीरो की तरह दिखाया गया है। बताया जाता है कि सेंसर बोर्ड के निलंबित सीईओ राकेश कुमार ने फिल्म को एक लाख रपए लेकर रिलीज कर दिया था।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इसे गंभीरता से लिया है। खुफिया ब्यूरो के मुताबिक इससे कानून-व्यवस्था प्रभावित हो सकती है। कांग्रेस का कहना था, 'फिल्म में इंदिरा गांधी के हत्यारों की तारीफ की गई है।' फिल्म इंदिरा गांधी की हत्या करने वाले उनके बॉडीगार्ड बेअंत सिंह और सतवंत सिंह पर बनाई गई है। भाजपा ने भी फिल्म पर रोक लगानी की मांग की है। विदेशों में यह पहले ही रिलीज हो चुकी है।
फिल्म पर राजनीति भी जारी है। अकाली दल के मनजीत सिंह जीके ने कहा, 'मैंने ये फिल्म नहीं देखी है। लेकिन मैं कांग्रेस के मित्रों से पूछना चाहता हूं कि जिन लोगों ने इंदिरा गांधी को मारा उनको फांसी पर लटका दिया। लेकिन इंदिरा गांधी की हत्या के बाद कितने निर्दोष लोगों को मारा उसका इंसाफ कब होगा। कांग्रेस वाले माफी मांगे, कानून को काम करने देंगे तो ऐसी फिल्म कोई नहीं बनाएगा।'
कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने कहा कि फिल्म रिलीज होने से देश के अंदर एक अहसास पैदा होगा, जिससे लोगों के बीच विश्वास होगा कि आप गलती करें और लोग उसकी तारीफ करेंगे। एनसीपी नेता माजिद मेनन ने कहा कि उस घटना को दोबारा उजागर करना देश के लिए ठीक नहीं है। पंजाबी भाइयों को भ़डकाऊ फिल्म नहीं बनानी चाहिए।
इस फिल्म से मचा हड़कंप, रिलीज होने से पहले लगी रोक
आपके विचार
पाठको की राय