मध्यप्रदेश, मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में तेजी से उभरता हुआ राज्य बना है। प्रदेश को ऊँचाइयों पर पहुँचाने में जहाँ जन-कल्याणकारी योजनाओं का साथ मिला वहीं विकास कार्य ने प्रदेश को अग्रणी बनाया। योजनाओं से आम नागरिक को राहत मिली और मध्यप्रदेश बुलंद हुआ।
विभिन्न क्षेत्र में श्रेष्ठ कार्य के लिए मध्यप्रदेश को बहुत से अवार्ड मिले हैं। साथ ही जनहित में हुए कामों की राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय-स्तर पर सराहना मिली है। मध्यप्रदेश में जो हुआ वह दूसरों के लिये प्रेरक भी बन गया।
खाद्यान्न उत्पादन में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिये फरवरी-2014 और जनवरी-2013 में राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान को नई दिल्ली में कृषि कर्मण अवार्ड दिया।
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने मुम्बई में जनवरी-2014 को सीएनबीसी टी.व्ही.-18 द्वारा प्रदाय किया गया "स्टेट ऑफ द इयर'' पुरस्कार भी ग्रहण किया। इसी प्रकार बड़े राज्यों की श्रेणी में तेजी से उभरते हुए राज्य के लिये मध्यप्रदेश को सम्मानित किया गया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने नई दिल्ली में दिसम्बर-2012 को लोक सभा अध्यक्ष श्रीमती मीरा कुमार से आईबीएन-7 "डायमण्ड स्टेट'' अवार्ड प्राप्त किया।
जून-2014 में नई दिल्ली के इण्डिया हेबिटेट सेंटर में मध्यप्रदेश को प्रतिष्ठित स्कॉच फायनेंशियल इन्क्लूजन और डीपनिंग अवार्ड-2014 तथा स्कॉच अवार्ड ऑफ मेरिट सर्टिफिकेट से सम्मानित किया गया। अपर मुख्य सचिव श्रीमती अरुणा शर्मा ने सांसद मीनाक्षी लेखी और पूर्व मुख्य महालेखा परीक्षक श्री विनोद राय से यह अवार्ड ग्रहण किया। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने नई दिल्ली में जून-2013 को उप राष्ट्रपति डॉ. हामिद अंसारी से चेन्ज ओवर इकानॉमिक केटेगरी अवार्ड प्राप्त किया।
नई दिल्ली में सितम्बर-2013 में प्रेक्टिस फॉर स्मॉर्ट गवर्नेंस पर हुई 33वीं स्कॉच समिट में तत्कालीन अपर मुख्य सचिव तकनीकी शिक्षा श्रीमती अजिता वाजपेयी पाण्डेय ने प्लेटिनम स्कॉच पुरस्कार प्राप्त किया।
वरिष्ठ नागरिकों के लिये सेवाएँ और सुविधाएँ मुहैया करवाने के लिये मध्यप्रदेश को घोषित सर्वश्रेष्ठ राज्य का पुरस्कार अक्टूबर-2013 को नई दिल्ली में राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने दिया। विकलांग व्यक्तियों के सशक्तिकरण के लिये मध्यप्रदेश को सर्वश्रेष्ठ नियोक्ता का अतिरिक्त पुरस्कार (नियोक्ता) फरवरी-2013 को नई दिल्ली में राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने तत्कालीन सामाजिक न्याय के सचिव/आयुक्त श्री व्ही.के. बाथम को दिया।
आठवें मनरेगा दिवस पर मनरेगा में उत्कृष्ट कार्य करने वाली पंचायत का पुरस्कार प्रदेश के बैतूल जिले की साकादेही ग्राम पंचायत की सरपंच श्रीमती हेमलता वाडिवा ने फरवरी-2013 को नई दिल्ली में सांसद श्रीमती सोनिया गाँधी से लिया।
नवम्बर-2012 में मध्यप्रदेश के दो शिल्पी श्री इस्माइल सुलेमान खत्री और श्री हरीश कुमार सोनी को राष्ट्रपति ने दिये राष्ट्रीय और शिल्प-गुरु अवार्ड। साढ़े 22 लाख से अधिक भवन निर्माण श्रमिक का पंजीयन करने वाला देश का पहला राज्य बना मध्यप्रदेश। कौशल विकास मिशन में 90 हजार युवाओं को प्रशिक्षित करने पर प्रदेश के कौशल प्रशिक्षण की राष्ट्रीय-स्तर पर सराहना हुई। राष्ट्रपति द्वारा मध्यप्रदेश को रासेयो के सबसे ज्यादा 4 पुरस्कार दिये गये।
दिसम्बर-2012 में मध्यप्रदेश को सीएसआई द्वारा कोलकाता में ई-उपार्जन के लिये प्रतिष्ठित पुरस्कार दिया गया। पटवारियों की भर्ती के लिये मध्यप्रदेश को नई दिल्ली में प्रतिष्ठित मंथन अवार्ड-साउथ एशिया एण्ड एशिया पेसिफिक प्राप्त हुआ। सर्वोच्च कृषि विकास दर के लिये मध्यप्रदेश राष्ट्रपति द्वारा नई दिल्ली में मुख्यमंत्रियों के समागम में पुरस्कृत हुआ।
जनवरी-2013 में वाइब्रेन्ट गुजरात ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में मध्यप्रदेश को बेस्ट स्टॉल अवार्ड दिया गया। स्पर्श अभियान के उत्कृष्ट क्रियान्वयन के लिये मध्यप्रदेश को राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस अवार्ड भी प्राप्त हुआ।
जुलाई-2013 में राज्य शासन द्वारा शिशु मृत्यु दर को कम करने के प्रयासों को राष्ट्रीय-स्तर पर सराहा गया। जुलाई माह में श्रीनगर में एनआरएचएम और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के राष्ट्रीय सम्मेलन में देश में सर्वाधिक नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाइयों (एसएनसीयू) की स्थापना करने के लिये मध्यप्रदेश को प्रथम पुरस्कार से सम्मानित किया गया। तत्कालीन केन्द्रीय पर्यटन मंत्री श्री के. चिरंजीवी ने 18 जुलाई, 2013 को नई दिल्ली में पर्यटन मंत्रियों के राष्ट्रीय सम्मेलन में मध्यप्रदेश की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि पर्यटन के क्षेत्र में मध्यप्रदेश एक ऐसा अग्रणी राज्य है, जिसने पर्यटन के नये आयाम स्थापित किये हैं। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये किये गये नये-नये रचनात्मक प्रयोग के जरिये मध्यप्रदेश ने पर्यटन के क्षेत्र में अपनी एक अलग पहचान बना ली है। अन्य राज्य को अपने राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये मध्यप्रदेश का अनुसरण करना चाहिये। उन्होंने मध्यप्रदेश सरकार द्वारा पर्यटन के क्षेत्र में लिये गये विभिन्न निर्णय की भूरि-भूरि प्रशंसा की।
मध्यप्रदेश को 19 जुलाई, 2013 को नई दिल्ली में एक समारोह में ग्रामीण हाट योजना शुरू करने की अभिनव पहल के लिये संयुक्त राष्ट्र जन-सेवा अवार्ड-2013 से सम्मानित किया गया। तत्कालीन केन्द्रीय मानव संसाधन राज्य मंत्री डॉ. शशि थरूर और संयुक्त राष्ट्र की स्थानीय संयोजक सुश्री लीसी ग्रांड द्वारा अवार्ड प्रदान किया गया। प्रदेश की तत्कालीन महिला-बाल विकास मंत्री श्रीमती रंजना बघेल, तत्कालीन महिला वित्त विकास निगम की अध्यक्ष श्रीमती सुधा जैन और हाट-बाजार संचालित करने वाली श्रीमती चत्तीबाई ने यह अवार्ड लिया।
डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर व्यवस्था लागू करने में मध्यप्रदेश अव्वल रहा। पन्द्रह जिलों में सामाजिक सुरक्षा पेंशन सीधे हितग्राहियों के बैंक खातों में पहुँचाई गई। इस अनूठी पहल से आम लोगों की समृद्धि के मक़सद से ट्रांसफर व्यवस्था लागू करने में मध्यप्रदेश देशभर में अव्वल हो गया है। मध्यप्रदेश के वित्तीय समावेशन मॉडल को अब देश के अन्य राज्य भी व्यापकता से लागू कर रहे हैं और सारे देश में इस मॉडल को सराहा जा रहा है।
मध्यप्रदेश में समग्र सामाजिक सुरक्षा मिशन में किये गये वित्तीय समावेशन कार्य की बेंकरों, केन्द्र सरकार और अन्य राज्य के अधिकारियों द्वारा व्यापक सराहना की गई। वित्तीय समावेशन और प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के जरिये समृद्धि विषय पर 27 जुलाई, 2013 को हुए एक-दिवसीय सम्मेलन में बेंकरों, बीमा कम्पनियों तथा अन्य वित्तीय संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने इस दिशा में मध्यप्रदेश में किये गये कार्य को सर्वश्रेष्ठ बताते हुए इसे और आगे बढ़ाने में पूरे सहयोग का आश्वासन दिया। सेंट्रल बेंक ऑफ इण्डिया के सीएमडी श्री टंकसाले ने कहा कि मध्यप्रदेश ने इस दिशा में बहुत अच्छा काम किया है। मध्यप्रदेश अकेला ऐसा राज्य है, जहाँ भारतीय रिजर्व बेंक, राज्य सरकार तथा अन्य संबंधित संस्थाओं के बीच बहुत अच्छा समन्वय है। भारतीय रिजर्व बेंक के रीजनल डॉयरेक्टर श्री रवि मोहन ने कहा कि वित्तीय समावेशन के क्षेत्र में मध्यप्रदेश काम अनुकरणीय है। केन्द्रीय वित्त मंत्रालय में अपर सचिव श्रीमती स्नेहलता श्रीवास्तव ने कहा कि अच्छा काम करने वाले राज्यों को योजना का अधिक लाभ दिया जायेगा, जिसमें मध्यप्रदेश भी आगे हैं। उन्होंने मध्यप्रदेश के सामाजिक सुरक्षा मिशन में किये गये वित्तीय समावेशन के कार्य को उत्कृष्ट बताया।
मध्यप्रदेश वेयर-हाउसिंग एण्ड लॉजिस्टिक्स कार्पोरेशन को राष्ट्रीय-स्तर के 2 अवार्ड मिले। कार्पोरेशन को इण्डियन चेम्बर ऑफ कामर्स द्वारा इण्डियन सप्लाई चेन एण्ड लॉजिस्टिक्स एक्सीलेंस अवार्ड-2013 के तहत "इनोवेटिव स्टेट वेयर-हाउसिंग कार्पोरेशन ऑफ द इयर" का अवार्ड नई दिल्ली में मिला। इसी तरह वित्तीय स्रोत प्रबंधन के लिये कार्पोरेशन को "इ इण्डिया पीएसई" अवार्ड हैदराबाद में आन्ध्रप्रदेश के तत्कालीन सूचना तकनीकी मंत्री श्री पुनाला लक्ष्मैया द्वारा दिया गया।
सुप्रीम कोर्ट ने जनवरी, 2012 में मध्यप्रदेश में जन-कल्याण कार्यों से संबंधी न्यायिक आदेशों पर अमल के मामले में एक बार फिर राज्य के श्री शिवराज सिंह चौहान की सरकार की सराहना की। इस बार अदालत ने राज्य में सर्दी में बेसहारा लोगों के लिये रैन-बसेरों की व्यवस्था के मामले में राज्य सरकार के काम को सराहा। इसके पहले अदालत ने राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में पेयजल जैसी बुनियादी सुविधाओं की व्यवस्था करने पर मध्यप्रदेश सरकार की सराहना की थी।
इण्डिया टुडे द्वारा एक नवम्बर, 2012 को स्टेट ऑफ स्टेट कार्यक्रम में व्यापक अर्थ-व्यवस्था की श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिये मध्यप्रदेश को पुरस्कृत किया गया। इसी के साथ अन्य श्रेणियों में मध्यप्रदेश पिछले वर्ष की तुलना में भी आगे रहा। यही नहीं अप्रैल, 2011 में हिन्दी भाषी राज्यों के शक्तिशाली नेतृत्व में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान को सबसे पहले शुमार किया गया। इण्डिया टुडे पत्रिका द्वारा वर्ष 2011 की आला हस्तियों के बारे में किये गये एक सर्वेक्षण में श्री चौहान को जनता से सीधे संवाद और सहज-सरल स्वभाव के बूते अपने राज्य में सच्चा जन-नेता माना गया।
प्रदेश को यूनाइटेड नेशन्स पब्लिक सर्विस अवार्ड-2012 इम्प्रूविंग द डिलेवरी ऑफ पब्लिक सर्विसेस श्रेणी में द्वितीय पुरस्कार प्राप्त हुआ है। ब्राजील के रियो-डी-जैनेरियो शहर में 21 जून, 2012 को वूमेन गुड प्रेक्टिस अवार्ड रियो प्लस 20 में जल तथा स्वच्छता श्रेणी में मध्यप्रदेश को द्वितीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
नवम्बर, 2011 में प्रदेश भर में चर्चित मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के बेटी बचाओ अभियान की गूँज पड़ोसी देश पाकिस्तान तक भी जा पहुँची। पाकिस्तान के जाने-माने मीडिया समूह डान से जुड़ी पत्रकार सोफिया जमाल ने चौहान के नेतृत्व में बेटी बचाओ अभियान को एक बेहद सकारात्मक पहल बताया। सार्वदेशिक आर्य प्रतिनिधि सभा के प्रमुख स्वामी अग्निवेश ने अक्टूबर, 2011 में मध्यप्रदेश में लिंग भेद के विरोध में प्रारंभ किये गये बेटी बचाओ अभियान की प्रशंसा की। अक्टूबर, 2011 में बेटी बचाओ अभियान के शुभारंभ अवसर पर यूनिसेफ के स्टेट हेड श्री एडवर्ड बिडर ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि यह एक बहुत महत्वपूर्ण पहल है, जिसे देखकर मैं बहुत प्रभावित हूँ।
जून, 2011 में विकास के लिये की गई मध्यप्रदेश सरकार की सकारात्मक पहल से प्रभावित विश्व बेंक ने मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान को वाशिंगटन आमंत्रित किया। विश्व बेंक का मानना है कि महिलाओं के विकास, सामाजिक सुरक्षा और लड़कियों के प्रति सामाजिक दृष्टिकोण बदलने में किये गये अनुकरणीय प्रयास की योजनाओं की जानकारी अन्य देशों को भी मिलनी चाहिये।
दिसम्बर-2012 में मध्यप्रदेश को कोलकता में कम्प्यूटर सोसायटी ऑफ इण्डिया की ओर से ई-उपार्जन के लिये अवार्ड ऑफ एक्सीलेंस प्राप्त हुआ। मध्यप्रदेश को ई-भुगतान के क्षेत्र में श्रेष्ठ कार्य के लिये गोल्ड अवार्ड और स्टेट ऑफ द इयर अवार्ड सितम्बर, 2012 में मिला है। मध्यप्रदेश को ई-उपार्जन की सर्वश्रेष्ठ प्रक्रिया के लिये राष्ट्रीय कम्प्यूटर सोसायटी ऑफ इण्डिया निहिलेंट अवार्ड के लिये भी चुना गया। फरवरी, 2011 में मध्यप्रदेश सरकार को ई-शासन के उत्कृष्टतम क्रियान्वयन में विशेष पहल के लिये भारत सरकार ने नेशनल ई-गवर्नेंस अवार्ड से पुरस्कृत किया। महाराष्ट्र के औरंगाबाद में दो दिवसीय चौदहवीं नेशनल कान्फ्रेंस ऑन ई-गवर्नेंस के अवसर पर मध्यप्रदेश में चल रहे ई-शासन के उत्कृष्ट कार्य को न केवल भारत सरकार ने मान्यता प्रदान की, बल्कि उसके क्रियान्वयन में विशेष पहल और प्रोत्साहन देने के लिये ई-गवर्नेंस का प्रतिष्ठित पुरस्कार भारत सरकार के प्रशासकीय सुधार और सार्वजनिक शिकायत विभाग एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने संयुक्त रूप से प्रदान किया।
मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना की ऑनलाइन मॉनीटरिंग के लिये बनाये गये सॉफ्टवेयर को ‘‘स्कॉच डिजिटल इन्क्लूजन अवार्ड-2012’’ से पुरस्कृत किया गया। अगस्त, 2011 में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना में मध्यप्रदेश में बनी सड़कें अब सर्वे ऑफ इण्डिया के नक्शों में दर्शाई जायेगी। यह उपलब्धि प्राप्त करने वाला मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है। केन्द्रीय योजना आयोग ने जून, 2011 में प्रदेश की सीमावर्ती 24 परिवहन जाँच चौकियों के आधुनिकीकरण की 1150 करोड़ रुपये की परियोजना को अभिनव कदम करार देकर सराहा। आयोग ने इसकी केस स्टडी तैयार करने को कहा, ताकि अन्य राज्य को इसके अनुकरण को कहा जा सके।
मध्यप्रदेश पुलिस की साइबर सेल को जनवरी, 2012 में देश का बेस्ट साइबर काप ऑफ इण्डिया अवार्ड प्रदान किया गया।
तत्कालीन केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री श्री सुशील कुमार शिंदे ने 22 मार्च, 2012 को दिल्ली में मध्यप्रदेश पॉवर ट्रांसमिशन कम्पनी लिमिटेड को ट्रांसमिशन परियोजनाओं के त्वरित क्रियान्वयन के लिये वार्षिक राष्ट्रीय पुरस्कारों में रजत-शील्ड व प्रमाण-पत्र से सम्मानित किया।
मध्यप्रदेश के पर्यटन राज्य मंत्री श्री सुरेन्द्र पटवा ने फरवरी-2014 में नई दिल्ली में तत्कालीन केन्द्रीय मानव संसाधन राज्य मंत्री श्री शशि थरूर से सर्वोत्तम पर्यटन प्रदेश का राष्ट्रीय पर्यटन पुरस्कार प्राप्त किया। मध्यप्रदेश पर्यटन निगम के तत्कालीन अध्यक्ष डॉ. मोहन यादव को फिल्म अभिनेता श्री तुषार कपूर ने लोनली प्लेनेट ग्रुप के बेस्ट इण्डियन डेस्टीनेशन फॉर वाइल्ड लाइफ पुरस्कार दिया।
दिसम्बर, 2011 में मुम्बई में ट्रेवल एजेंट्स एसोसिएशन ऑफ इण्डिया के सेमीनार में मध्यप्रदेश पर्यटन विकास निगम को बेस्ट स्टेट टूरिज्म बोर्ड ऑफ द इयर अवार्ड से सम्मानित किया। जनवरी, 2011 में नई दिल्ली में मध्यप्रदेश में वित्तीय वर्ष 2011-12 के दौरान पर्यटन परियोजनाओं की प्राथमिकता निर्धारण बैठक में राज्य द्वारा पर्यटन के क्षेत्र में किये गये विकास की सराहना करते हुए केन्द्रीय पर्यटन विभाग के अधिकारियों सहित अन्य राज्यों के अधिकारियों को भी मध्यप्रदेश का उदाहरण देने के निर्देश दिये गये।
डेल्ही सस्टेनेबल डेव्हलपमेंट समिट-2012 के दौरान प्रदेश को ‘पैनासोनिक ग्रीन ग्लोब अवार्ड’ मिला। यह पुरस्कार वन विभाग द्वारा पर्यावरण सुरक्षा और संरक्षण के क्षेत्र में किये जा रहे प्रयासों के लिये दिया गया है। वन विभाग को फरवरी, 2012 में जी.आई.एस.एस.डी.आई. अवार्ड जी.आई.एस. तकनीक के बेहतर उपयोग के लिये दिया गया। अगस्त, 2012 में मध्यप्रदेश में वन अधिकार अधिनियम के बेहतर क्रियान्वयन की न केवल केन्द्र सरकार ने प्रशंसा की, बल्कि देश के अन्य राज्यों ने भी इसका अनुसरण किया। मई, 2011 में तत्कालीन केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण राज्य मंत्री श्री जयराम रमेश ने भोपाल भ्रमण के दौरान वन विभाग में सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी के उपयोग के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि भारत शासन तथा अन्य प्रदेशों के लिये भी इस तरह के सॉफ्टवेयर तैयार करने के लिये मध्यप्रदेश के वन विभाग का सहयोग लिया जायेगा। अप्रैल, 2011 में केन्द्रीय योजना आयोग के तत्कालीन उपाध्यक्ष श्री मोन्टेक सिंह अहलूवालिया ने प्रदेश के वन विभाग द्वारा सूचना प्रौद्योगिकी उपयोग के कार्यों की प्रशंसा की और अधिकारियों को इसके प्रस्तुतिकरण के लिये दिल्ली बुलाया।
इसी तरह कृषि क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिये प्रदेश को एग्रीकल्चर लीडरशिप अवार्ड-2012 भी प्राप्त हुआ है। अगस्त, 2012 में लाखों किसानों को बिना ब्याज (जीरो प्रतिशत) पर कृषि ऋण देने की मध्यप्रदेश सरकार की नीति गुजरात सरकार को भी रास आयी। जुलाई, 2012 में राष्ट्रपति पद के प्रत्याशी श्री पी.ए. संगमा ने कहा कि सुशासन के क्षेत्र में अब तक गुजरात का नाम लिया जाता था, लेकिन अब मध्यप्रदेश भी आगे आ रहा है। उन्होंने मध्यप्रदेश में आदिवासियों और किसानों के कल्याण के लिये हो रहे कामों को अनुकरणीय बताया।
जुलाई, 2012 में लोक सेवा गारंटी अधिनियम के मध्यप्रदेश में सफल क्रियान्वयन के बाद देश के आठ राज्य ने भी इसका अनुसरण किया। इसमें बिहार, पंजाब, उत्तराखण्ड, दिल्ली, जम्मू-कश्मीर, उत्तरप्रदेश, राजस्थान और झारखण्ड शामिल हैं। जनवरी, 2011 में शिवराज केबिनेट द्वारा प्रदेश में भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिये विशेष अदालत गठित करने तथा दोषियों की सम्पत्ति जप्त करने के फैसले का व्यापक स्वागत हुआ और प्रबुद्धजन ने इसे सही फैसला बताया।
जनवरी, 2011 में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान से ऑल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के मुख्य संरक्षक मौलाना कल्ब-ए-जव्वाद के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि-मण्डल ने भेंट कर प्रदेश में सर्वधर्म समभाव और कल्याणकारी योजनाओं का लाभ बगैर जाति, धर्म और भेदभाव के सभी गरीबों तक पहुँचाने के प्रयासों की सराहना की। सितम्बर, 2011 में अल्पसंख्यक वर्ग के छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति वितरण के मामले में केन्द्र सरकार ने मध्यप्रदेश को मॉडल राज्य माना और अन्य राज्यों को अनुसरण की सलाह दी। केन्द्र ने वक्फ बोर्ड में कम्प्यूटराइजेशन के काम को भी आदर्श करार देते हुए अन्य राज्यों को अमल में लाने की सलाह दी।
फरवरी, 2012 में बालिकाओं की शिक्षा के प्रयासों और नवाचारी पहल के मामले में मध्यप्रदेश का प्रदर्शन अन्य राज्य की तुलना में सर्वाधिक उत्कृष्ट रहा। यह निष्कर्ष राष्ट्रव्यापी सर्वेक्षण में सामने आया, जिसे एक प्रतिष्ठित राष्ट्रीय पत्रिका और एबेकस मार्केट रिसर्च सर्वे, नई दिल्ली ने किया था।
फरवरी, 2012 में महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के क्रियान्वयन में मध्यप्रदेश देश में चौथे पायदान पर रहा। योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों के विकास में लगभग साढ़े 17 हजार करोड़ से अधिक की राशि खर्च की गई। बालाघाट केन्द्रीय सहकारी बेंक को माओवाद प्रभावित ग्राम में मोबाइल बेंकिंग को प्रोत्साहित करने के लिये नाबार्ड का राष्ट्रीय पुरस्कार-2012 मिला।
सितम्बर, 2011 में केन्द्र सरकार ने मध्यप्रदेश के ग्राम विकास कार्यों की प्रशंसा की। केन्द्रीय सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय के अनुसार वर्ष 2010-11 के लिये मध्यप्रदेश में स्व-सहायता समूहों की गतिविधियों, खाद्य सुरक्षा, निर्धन वर्ग के लिये लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली और ग्राम स्व-रोजगार योजना आदि कार्यों को उत्कृष्ट श्रेणी का माना गया। सितम्बर, 2011 में लाओस एवं वियतनाम के अध्ययन दल ने प्रदेश के चुने हुए जिलों के गाँवों में ग्रामीण समुदाय को विश्वास में लेकर स्व-सहायता समूह के रूप में उन्हें संगठित कर आजीविका संवर्धन गतिविधियों से जोड़ने के कार्य की सराहना की।
सितम्बर, 2011 में वर्ल्ड इकॉनामी फोरम के चेयरमेन क्लास सैव ने प्रदेश की प्रगतिशील नीतियों की सराहना की। चीन के डालियान शहर में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान से चर्चा के दौरान वे प्रदेश से इतने खुश हुए कि उन्होंने मुख्यमंत्री को सी.आई.आई. और वर्ल्ड इकॉनामी फोरम द्वारा संयुक्त रूप से नवम्बर, 2011 में मुम्बई में होने वाले इण्डियन इकॉनामी फोरम के समिट में भाग लेने का आमंत्रण दिया।
जून, 2011 में अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त हार्ट सर्जन और एस्कार्ट, नई दिल्ली के डायरेक्टर डॉ. वाय.के. मिश्रा ने नव भारत और सेंट्रल क्रानिकल से बातचीत के दौरान मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री बाल ह्रदय उपचार योजना की शुरूआत पर मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की मुक्त कंठ से सराहना की। जून, 2011 में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार 2010-11 में जनसंख्या रोकने के लिये सबसे कारगर कार्य मध्यप्रदेश में हुआ है।
जून, 2011 में भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री लालकृष्ण आडवाणी ने अपने ब्लॉग में मध्यप्रदेश सरकार के नाट्य विद्यालय की शुरूआत को सराहनीय पहल बताया। उन्होंने कहा कि इससे रंगमंच, टेलीविजन और सिनेमा तीनों माध्यम और समृद्ध हो सकेंगे। फिल्म स्टार जया बच्चन ने भी नाट्य विद्यालय की स्थापना की सराहना की।
अप्रैल, 2011 में वैश्विक परिदृश्य पर मध्यप्रदेश की पहचान एक निवेश मित्र राज्य के रूप में स्थापित हुई। केन्द्रीय वित्त मंत्रालय द्वारा संसद में प्रस्तुत किये गये प्रतिवेदन के अनुसार राज्य में पिछले वर्ष के मुकाबले वर्ष 2010-11 में 800 प्रतिशत अधिक विदेशी निवेश हुआ। यह राज्य शासन के मध्यप्रदेश में पूँजी निवेश आकर्षित करने के अनवरत अभियान का नतीजा है।
केन्द्र सरकार के अधिकारियों ने मध्यप्रदेश में सड़क विकास सहित विभिन्न क्षेत्रों में हुए कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम के उत्कृष्ट कार्यों की देश के कई राज्य में सराहना हुई है। बिहार तथा राजस्थान राज्यों ने सड़क विकास के लिये मध्यप्रदेश सरकार के मॉडल को जस का तस अपनाया है। मध्यप्रदेश में वर्ल्ड बेंक और एडीबी द्वारा संचालित विभिन्न वित्त परियोजना की राज्य-स्तरीय समीक्षा में भी यह बात सामने आयी।
प्रदेश के विकेन्द्रीकृत जिला योजना मॉडल से केन्द्रीय योजना आयोग इस कदर प्रभावित रहा कि वह दूसरे राज्यों को इस मॉडल को अपनाने के लिए प्रेरित करता रहा। आयोग ने विकेन्द्रीकृत योजना लागू करने में पिछड़े राज्यों को मध्यप्रदेश मॉडल अपनाने की सलाह भी दी।
मध्यप्रदेश में अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति का प्रचार-प्रसार, आवेदन का तरीका और ऑनलाइन प्रक्रिया को केन्द्र सरकार ने आदर्श माना है।
ब्रिटिश सरकार के अंतर्राष्ट्रीय विकास विभाग (डीएफआईडी) ने प्रदेश के 14 नगर निगम में चल रहे प्रोजेक्ट ‘‘उत्थान’’ के कार्यों की सराहना की। डीएफआईडी के दल ने प्रोजेक्ट उत्थान के कार्यों विशेषकर ई-गवर्नेंस कार्य जैसे म्युनिसिपल एडमिनिस्ट्रेशन सिस्टम, ट्रेंनिग मेनेजमेंट सिस्टम, ऑटोमेटिक बिल्डिंग परमिशन सिस्टम आदि कार्यों की प्रशंसा की। इसी तरह नगरीय निकायों के अधिकारियों-कर्मचारियों की क्षमता में वृद्धि के लिए मध्यप्रदेश राज्य का प्रशिक्षण माड्यूल सभी राज्यों में लागू किया गया।
केन्द्रीय योजना आयोग के तत्कालीन सदस्य डा. नरेन्द्र जाधव ने मध्यप्रदेश में रोजगारोन्मुखी शिक्षा और प्रशिक्षण सुविधाओं के विस्तार के साथ ही परम्परागत कारीगरों के कौशल उन्नयन की दिशा में किये जा रहे प्रयासों को सराहनीय बताया। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में हो रहे प्रयासों से अन्य प्रदेश भी लाभान्वित होंगे। तत्कालीन केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव सुश्री सुजाता राव ने सेहत के मामले में मध्यप्रदेश सरकार के प्रयासों को सराहते हुए कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में दृढ़ राजनीतिक इच्छा-शक्ति दिखती है।
ब्रिटेन सरकार के सेक्रेटरी ऑफ स्टेट अंतर्राष्ट्रीय विकास एंड्रयू मिशेल ने सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों के स्कूलों, अस्पतालों की तुलना करते हुए प्रदेश में स्वास्थ्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में सार्वजनिक-निजी भागीदारी के प्रयासों एवं परिणामों की सराहना की। उन्होंने अटल बाल आरोग्य एवं पोषण मिशन लागू करने के लिये भी मुख्यमंत्री की सराहना की। योजना आयोग के तत्कालीन उपाध्यक्ष श्री मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने भी गत वर्ष जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीनीकरण मिशन में अग्रणी रहने पर मध्यप्रदेश की पीठ थपथपाई। उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इसकी प्रशंसा की।
अध्यक्ष वैलिड न्यूट्रीशन, आयरलेण्ड डॉ. स्टेव कॉलिंस के साथ इस वर्ष भोपाल पहुँची यूनिसेफ की पाँच सदस्यीय टीम ने बैरागढ़ सिविल अस्पताल स्थित पोषण पुनर्वास केन्द्र का निरीक्षण कर अपनी प्रतिक्रिया में लिखा कि ‘‘मैं पिछले 20 वर्ष से पोषण पुनर्वास केन्द्रों का निरीक्षण कर रहा हूँ लेकिन इससे अच्छा केन्द्र पहले कभी नहीं देखा।’’
रिलायन्स के एडीएजी प्रमुख श्री अनिल अंबानी, श्री आदित्य बिड़ला समूह के श्री कुमारमंगलम बिड़ला, एस्सार समूह के अध्यक्ष श्री शशि रूइया एवं जे.पी. एसोसिएट्स के श्री जे.पी. गौर ने कहा कि अगले दस साल में प्रदेश हर दृष्टि से देश का सर्वाधिक विकसित राज्य बनेगा। रियो टिंटो के अंतर्राष्ट्रीय संचालन प्रमुख श्री राबर्ट कोर्ट ने कहा कि प्रदेश में प्रशासनिक प्रक्रियाएँ काफी पारदर्शी और निवेशों के अनुकूल है। श्री कोर्ट ने कहा कि निकट भविष्य में प्रदेश दुनिया के दस प्रमुख हीरा उत्पादक क्षेत्रों में शामिल हो जायेगा।
खेलों में बेहतरीन काम के लिये केन्द्र सरकार ने खेल दिवस-29 अगस्त 2010 को मध्यप्रदेश को राष्ट्रीय खेल प्रोत्साहन अवार्ड से नवाजा। यह अवार्ड तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान को भेंट किया। अवार्ड पाते ही मध्यप्रदेश देश में एक रोल मॉडल बन गया। यह पहला मौका है जब किसी प्रदेश को यह अवार्ड मिला। प्रदेश की गाँव-गाँव में खेल योजना से केन्द्रीय खेल मंत्रालय इतना प्रभावित हुआ कि इसे मॉडल रूप में पूरे देश में लागू कर दिया।
खेलों के प्रोत्साहन में राष्ट्रपति के हाथों से सम्मानित होने वाला प्रदेश अब देश में मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा के अधिकार के क्रियान्वयन में भी बाजी मार सकता है। प्रदेश इस मामले में कई राज्य से बेहतर स्थिति में है। यह बात तत्कालीन मानव संसाधन विकास मंत्रालय की सचिव श्रीमती अंशु वैश्य ने कही।
संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यू.एन.सी.एफ.) द्वारा प्रदेश में प्रत्येक एक किलोमीटर पर प्राथमिक, प्रत्येक तीन किलोमीटर पर माध्यमिक और प्रत्येक पाँच किलोमीटर पर हाईस्कूल की उपलब्धता की सराहना की गयी। यूनीसेफ की भारत प्रमुख सुश्री करीन हुल्शोक ने राज्य शासन द्वारा शिक्षा, स्वास्थ्य और कुपोषण के क्षेत्र में किये जा रहे प्रयासों को प्रशंसनीय बताया। उन्होंने कहा कि महिलाओं और बच्चों के विकास के लिये लागू अभिनव योजनाओं से प्रदेश की विश्व स्तर पर पहचान बनी है। विश्व बेंक ने पोषित व्यावसायिक शिक्षा सुधार परियोजना में मध्यप्रदेश के प्रदर्शन को बेहतर माना। राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के दल ने मध्यप्रदेश में मातृ मृत्यु दर कम करने के लिये संस्थागत प्रसव में हुई वृद्धि एवं शिशु मृत्यु दर कम करने की कोशिशों को सराहा।
महाराष्ट्र के तत्कालीन उद्योग मंत्री श्री राजेन्द्र दर्डा ने मध्यप्रदेश के औद्योगिक प्रगति की मुक्तकंठ से सराहना की। श्री दर्डा ने कहा कि मध्यप्रदेश में पोर्ट नहीं है, जंगल का क्षेत्र ज्यादा है फिर भी औद्योगिक क्षेत्र में जिस तरह प्रदेश आगे बढ़ रहा है, काबिले तारीफ है। श्री दर्डा ने यह बात इंदौर में मध्यप्रदेश के तत्कालीन उद्योग मंत्री श्री कैलाश विजयवर्गीय द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में कही।
पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम ने मध्यप्रदेश वनवासी सम्मान यात्रा के लिये मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान को बधाई देते हुए कहा कि मध्यप्रदेश शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों और जल संरचनाओं के संरक्षण और विकास के क्षेत्र में काफी अच्छा कार्य कर रहा है। पालपुर कूनो में चीतों के विस्थापन की मंजूरी और कान्हा तथा नेशनल पार्क में बफर जोन घोषित कर राज्य सरकार ने तत्कालीन केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण राज्य मंत्री श्री जयराम रमेश का दिल जीत लिया।