भोपाल । मध्यप्रदेश के एक बड़े रेलवे स्टेशन के हालात काफी दयनीय हो चुके हैं, रेलवे ट्रेक की मरम्मत नहीं होने के कारण हरदम हादसे का भय बना रहता है, इसी कारण ट्रेनों की स्पीड भी पहले से कम कर दी गई है, ऐसे में हमेशा ये भय भी बना रहता है कि कहीं ट्रेन पटरी से उतर न जाए, अगर ऐसा हुआ तो एमपी में बड़ा हादसा हो सकता है।
इटारसी स्टेशन के प्लेटफॉर्मो के एप्रान और स्लीपॉट कई जगह से जर्जर हो गए हैं। ब्लॉक न मिलने के कारण रेलवे इनकी मरम्मत नहीं कर पा रही है। चार साल पहले भी केवल प्लेटफॉर्म एक के स्लीपॉट और एप्रान बदले गए थे, मगर अब दो, तीन, चार और पांच प्लेटफॉर्म के एप्रॉन टूट चुके हैं। ऐसे में 30 की गति से आने वाली ट्रेनों को 10-15 की गति से काशन ऑर्डर से लाना पड़ रहा है। एप्रॉन और स्लीपॉट टूटने से रेलवे को इनकी सफाई करने में परेशानी हो रही है। वहीं गंदा पानी भरने से लकड़ी के स्लीपॉट खराब हो रहे हैं। एप्रॉन कई जगह से क्रेक हो गई है। इससे पॉसिंग ट्रेनों को कम गति से भेजने से पीछे आ रही ट्रेनें लेट हो रही हैं। प्लेटफॉर्मों से यात्री ट्रेन 15 किमी. तथा गुड्स ट्रेन 10 किमी की रफ्तार से गुजर रही हैं।
अभी काशन ऑर्डर से आ रहीं ट्रेनें
एप्रॉन और स्लीपॉट खराब हुए प्लेटफॉर्मों पर आने वाली ट्रेनों के चालकों को पहले आउटर पर कॉशन देकर 30 की जगह 10 किमी. प्रति घंटे की रफ्तार से लाने के निर्देश दिए जा रहे हैं। काशन ऑर्डर से चारों प्लेटफॉर्मों पर ट्रेनों को लाया जा रहा है।
ट्रेन के पटरी से उतरने का हमेशा रहता है डर
अधिकारियों के अनुसार कमजोर एप्रॉन से ट्रेनों की पॉसिंग के दौरान हादसे का डर रहता है, ट्रेनें हिचकोले खाती हैं। पटरियों को मजबूती से जोड़कर रखने वाले स्लीपॉट भी टूटने से ट्रेक कमजोर हो चुके हैं। ऐसे में ट्रेन के पटरी से उतरने का डर रहता है। फिलहाल रेलवे कमजोर स्थानों पर लकड़ी के टुकड़े लगाकर जुगाड़ से काम चला रही है।
15 की स्पीड से चल रही सभी ट्रेनें, हजारों यात्रियों की जान को जोखिम, प्रदेश के बड़े रेलवे स्टेशन हादसे की आहट
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