नई दिल्ली : रिजर्व बैंक ने आज क्रैडिट कार्ड के बिलिंग नियमों को कड़ा कर दिया। इसके तहत केंद्रीय बैंक ने बैंकों को निर्देश दिया है कि वे क्रैडिट कार्ड उपभोक्ताओं पर देरी से भुगतान के लिए तभी जुर्माना लगाएं या इसे क्रेडिट सूचना कंपनियों को तभी रिपोर्ट करें, जबकि भुगतान 3 दिन से अधिक समय से बकाया हो।

रिजर्व बैंक ने कहा कि बैंक किसी क्रैडिट कार्ड को उस स्थिति में गैर निष्पादित आस्तियां (एन.पी.ए.) घोषित कर सकते हैं जब न्यूनतम बकाया राशि की अदायगी, भुगतान की तारीख से 90 दिन के अंदर नहीं की गई हो। ऋण में अनुशासन के लिए क्रैडिट कार्ड जारीकर्ताओं को अधिक परिचालनगत लचीलापन देने के लिए रिजर्व बैंक ने कहा कि किसी क्रैडिट कार्ड खाते की पिछले बकाए की स्थिति की गणना मासिक क्रैडिट कार्ड विवरण में लिखित भुगतान की तारीख से गिनी जाएगी।   

रिजर्व बैंक की अधिसूचना में कहा गया है कि बैंकों के मामले में क्रैडिट कार्ड खाते को तभी गैर निष्पादित आस्ति माना जाएगा, जबकि विवरण में उल्लेखित न्यूनतम बकाया राशि का पूर्ण भुगतान, अदायगी की तारीख के 90 दिन के अंदर न किया गया हो।   

केंद्रीय बैंक ने कहा है कि क्रैडिट कार्ड खातों में खर्च की गई राशि बिल के रूप में उपभोक्ताओं को मासिक स्टेटमेंट के जरिए भेजी जाएगी और उसमें भुगतान की निश्चित तारीख का उल्लेख होगा।